
देहरादून, 3 फरवरी। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें पोस्ट-डॉक्टरल/डॉक्टरल फैलोशिप में बकाया का दावा करने की समय सीमा बढ़ाने की मांग की गई। एबीवीपी ने यूजीसी से विश्वविद्यालयों को दस्तावेज़ीकरण प्रक्रिया को सरल बनाने, स्टाफ सदस्यों से सहयोग सुनिश्चित करने और विश्वविद्यालयों में शिकायत निवारण सेवाओं के लिए घंटे बढ़ाने का निर्देश देने की भी मांग की।
ABVP ने बकाया दावे की समय सीमा बढ़ाने सहित कई मांगें रखीं
दिसंबर 2023 तक लंबित फेलोशिप बकाया और बकाया राशि के वितरण में यूजीसी के प्रयासों की सराहना करते हुए, एबीवीपी ने 8 फरवरी, 2024 की निर्धारित समय सीमा को पूरा करने में छात्रों के सामने आने वाली चुनौतियों पर प्रकाश डाला। इन चुनौतियों में दस्तावेज़ीकरण के लिए सीमित समय, प्रतिबंधित यूजीसी पोर्टल पहुंच, सीमित पूछताछ समय शामिल हैं। विश्वविद्यालयों में बोझिल प्रक्रियाएं और कर्मचारियों की कमी के कारण दस्तावेज़ अस्वीकृत हो जाते हैं। जवाब में, एबीवीपी ने यूजीसी से बकाया दावे की समय सीमा बढ़ाने, छात्रवृत्ति फेलोशिप प्रबंधन पोर्टल को हर महीने लंबे समय तक खुला रखने और विश्वविद्यालयों को एक आसान प्रक्रिया के लिए दावा प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने का निर्देश देने की मांग की है।
एबीवीपी के राष्ट्रीय महासचिव, याज्ञवल्क्य शुक्ला ने कहा, यूजीसी को एबीवीपी के ज्ञापन में उल्लिखित उपाय वर्तमान छात्र कठिनाइयों को संबोधित करते हैं और लंबित फेलोशिप बकाया का निष्पक्ष और कुशल वितरण सुनिश्चित करते हैं। एबीवीपी ने यूजीसी से पोस्ट-डॉक्टोरल और डॉक्टोरल फ़ेलोशिप में बकाया दावों की समय सीमा बढ़ाने, विद्वानों को उनकी सुविधानुसार फ़ेलोशिप का दावा करने के लिए आवश्यक समय प्रदान करने और देश भर में छात्रों के सर्वोत्तम हितों की रक्षा करने की अपील की है।