
भाजपा नेता व श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के पूर्व अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा आंदोलनकारी छात्रों के धरना स्थल पर पहुंचने को उनकी संवेदनशीलता का परिचायक बताया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पहले ही स्पष्ट कर चुके थे कि जरुरत पड़ने पर पेपर लीक मामले की सीबीआई जांच कराने में सरकार को कोई परहेज नहीं है और आज उन्होंने छात्रों के बीच जा कर सीबीआई जांच की संस्तुति भी कर दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री धामी की इस पहल से बेरोजगार युवाओं के कन्धों को ढाल बना कर राजनीतिक रोटियां सेक रहे कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों को झटका लगा है।
अजेंद्र ने कहा कि बेरोजगार युवा दिन-रात परिश्रम कर प्रतियोगी परीक्षाओं में भाग लेते हैं और सरकारी नौकरी का सपना देखते हैं। मगर जब कुछ आपराधिक तत्व पेपर लीक जैसी घटनाओं को अंजाम देते हैं तो तब स्वाभाविक रूप से युवाओं को निराशा व हताशा का शिकार होना पड़ता है। बेरोजगार युवाओं के आक्रोश को महसूस किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि बेरोजगार युवा भी हमारे ही बीच के हैं और हमारे अपने हैं। इसलिए प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री धामी इस मुद्दे पर शुरू से ही पूरी तरह से संवेदनशील बने हुए थे। मुख्यमंत्री धामी पहले ही स्पष्ट कर चुके थे कि दोषियों को किसी कीमत पर छोड़ा नहीं जाएगा। पेपर लीक की घटना सामने आते ही मुख्यमंत्री ने तत्काल निर्णय लेते हुए हाई कोर्ट के सेवानिवृत न्यायाधीश की देखरेख में एसआईटी जांच शुरू करा दी। एसआईटी को समयबद्ध रूप से एक माह के भीतर अपनी रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया था।
बीकेटीसी के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री धामी ने भर्ती परीक्षाओं में नकल पर रोक को लेकर सख्त रुख अपनाया है। देश में सबसे कड़ा नक़ल कानून उत्तराखंड में बनाया है। बड़ी संख्या में आरोपियों को जेल भेजा गया है। धामी सरकार अब तक करीब 25 हजार युवाओं को सरकारी नौकरी दे चुकी है। पहली बार भर्ती कैलेण्डर जारी हुआ है, जिसके तहत दस हजार सरकारी पदों को भरने का लक्ष्य रखा गया है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री धामी ने आंदोलनरत छात्रों की संवेदनाओं को महसूस किया और प्रकरण की सीबीआई जांच की संस्तुति करते हुए अन्य मांगों पर भी गम्भीरतापूर्वक कार्रवाई का आश्वासन दिया है। उन्होंने बेरोजगारों के आंदोलन के बहाने कांग्रेस पर अपनी राजनीतिक रोटियां सेकने का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में तमाम नियुक्तियों में व्यापक स्तर पर धांधली हुई हैं। बेरोजगारों के साथ छलावा करने वाली कांग्रेस आज उनकी हितेषी बन रही है।