अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के तीन दिवसीय

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अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के तीन दिवसीय ( 27 से 30 मई 2019) राष्ट्रीय कार्यकारी बैठक चेन्नई में संपन्न हुई । बैठक के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए अभाविप के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. एस. सुबैय्या ने कहा कि विद्यार्थी परिषद् का आकार काफी बढ़ गया है । परिषद् के आयाम के कार्यक्रम में पांच – छह हजार से अधिक लोग भाग लेते हैं । समय के साथ परिषद् ने भी अपने कार्य पद्धति में काफी बदलाव किया है । पुलवामा में सुरक्षा बलों के ऊपर हुए आत्मघाती हमले के बाद हमारे कार्यकर्ताओं ने आतंकवाद के विरूद्ध देशव्यापी अभियान चलाया। फनी चक्रवात के समय जिस तरह राहत कार्य में परिषद कार्यकर्ता जुड़े थे वह सराहनीय है।  जब पूरा देश सिर्फ़ राजनीतिक गतिविधियों में व्यस्त था, केवल परिषद ही तेलंगाना के ग़लत परीक्षा प्रणाली के कारण हुए 23 छात्रों के आत्महत्या के विरोध में अभियान चलाया था। उन्होंने कहा कि बदले हुए समय और परिदृश्य के बाद भी हमारी विचारधारा नहीं बदली है।

27 मई को राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. एस. सुबैय्या, राष्ट्रीय महामंत्री आशीष चौहान एवं राष्ट्रीय संगठन मंत्री सुनील आंबेकर ने मां सरस्वती एवं विवेकानंद जी की प्रतिमा का पूजन एवं दीप प्रज्ज्वलित कर राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद्, बैठक का विधिवत उद्घाटन किया । बैठक में अपेक्षित कुल 420 में से 323 कार्यकर्ता एवं परिषद् के मित्र संगठन प्राज्ञिक विद्यार्थी परिषद् नेपाल के तीन (3) पदाधिकारी उपस्थित रहे । बैठक के प्रारंभ में 3 – 4 मई को ओड़िशा में आए ‘फनी’ चक्रवात में प्राण गंवाये दिवगंत आत्माओं की शांति हेतु मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई ।

वहीं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् की आगामी दिशा एवं कार्यों को रेखांकित करते हुए  उन्होंने कहा कि समय और परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए कार्यकर्ताओं को पर्यावरण को बचाने के लिए आगे आना होगा । परिषद् की आगामी गतिविधियां पर्यावरण के संदर्भ में होना चाहिए खासकर जल संवर्धन और संरक्षण के लिए । प्लास्टिक के अधिकाधिक प्रयोग के कारण जमीनें बंजर होती जा रही है और जीव – जंतुओं की असामयिक मृत्यु हो रही है । प्रकृति के संरक्षण के लिए लोगों को आगे आना होगा, विद्यार्थी परिषद् के आयाम विकासार्थ विद्यार्थी (एसएफडी) द्वारा अरसे से पर्यावरण संरक्षण का अभियान चलाया जा रहा है । एसएफडी,  वर्ष भर जल संरक्षण, प्लास्टिक निषेध, स्वच्छता, वैकल्पिक ऊर्जा का स्रोत, ऊर्जा संरक्षण आदि विषय पर अभियान चलाकर लोगों को जागरूक करेगी ।  परिषद् के विविध कार्य के बढ़ते स्वरूप के बारे में उन्होंने उपस्थित प्रतिनिधियों को परिचित करवाया साथ ही कार्य के अनुरूप कुल रचनाओं को आयाम, कार्य, गतिविधि, प्रकल्प, कार्य विभाग, कार्यक्रम और प्रकोष्ठ में वर्गीकृत भी किया ।  छात्रसंघ के नये स्वरूप पर उन्होंने पुनरालोकन की आवश्यकता बताई ।

 

जनवरी 2020 में होगा अंतर – राज्य छात्र जीवन दर्शन यात्रा (सील) यात्रा का आयोजन

तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद् के योजना बैठक में बताया गया कि अभाविप के सील प्रकल्प के अंतर्गत अक्टूबर 2019 में सील अध्ययन यात्रा एवं जनवरी 2020 में सील यात्रा की योजना है । योजना के मुताबिक देश भर के सभी राज्यों से चार दर्जन से अधिक विद्यार्थी प्रतिनिधि अक्टूबर 2019 में 15 दिन के लिए पूर्वोत्तर राज्यों के अध्ययन के लिए  जायेंगे । वहीं जनवरी 2020 में होने वाले राष्ट्रीय एकात्मता यात्रा यानी ‘सील’ यात्रा में पूर्वोत्तर से लगभग 500 विद्यार्थी देश भर के सभी राज्यों में जाकर वहां संस्कृति, परंपरा, जीवनशैली, वेशभूषा इत्यादि से परिचित होंगे । बता दें पूर्वोत्तर के छात्रों को भारत के अन्य भागों के साथ एवं शेष भारत के लोगों का पूर्वोत्तर के साथ आत्मीय संबंध स्थापित करने, एकात्मता का संचार करने हेतु 1966 से सील यात्रा का आयोजन किया जाता है । अभाविप के राज्य विश्वविद्यालय प्रमुख श्रीहरि बोरिकर ने बताया कि सील यात्रा के अलावा, पूर्वोत्तर के छात्रों के लिए अनेक प्रकार के आयोजन आयोजित किये जाते हैं । उन्होंने बताया कि कुछ वर्ष पहले ही हमलोगों ने राष्ट्रीय स्तर पर पूर्वोत्तर छात्र संसद का आयोजन किया था, जिसका सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिला, इसी प्रकार आने वाले समय में भी रचनात्मक आयोजन किये जा सकते हैं ।

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