देहरादून, 8 फरवरी। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) परीक्षाओं में शुचिता बनाए रखने के लिए द्विस्तरीय परीक्षा पैटर्न प्रारंभ करने की तैयारी कर रहा है। सब कुछ ठीकठाक रहा तो अप्रैल से यह पैटर्न लागू हो जाएगा। अभी तक आयोग एक मात्र लिखित परीक्षा आफलाइन माध्यम से आयोजित करता है। इसके बाद सफल हुए अभ्यर्थियों को अभिलेख सत्यापन के लिए बुलाया जाता है।
द्वितीय परीक्षा में शामिल होने को प्रारंभिक परीक्षा करना जरूरी
द्विस्तरीय परीक्षा पैटर्न लागू होने पर आयोग अभ्यर्थियों की दो परीक्षाएं आयोजित करेगा। प्रारंभिक परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थी द्वितीय मुख्य परीक्षा में शामिल हो सकेंगे। आयोग एक परीक्षा आनलाइन तो दूसरी परीक्षा आफलाइन मोड में आयोजित कर सकता है। फिलहाल आयोग का यह प्रस्ताव पिछले दो साल से सरकार के स्तर पर विचाराधीन है और कभी भी इसको हरी झंडी मिल सकती है। इसी के मद्देनजर आयोग ने इसको लेकर तैयारियां शुरू कर दी है।
आयोग ने वर्ष 2022 में तैयार किया था यह पैटर्न
यूकेएसएसएससी की 2018 से 2022 तक की परीक्षाओं में नकल और पेपरलीक जैसे मामले जब एक के बाद एक सामने आने लगे तो आयोग पर परीक्षा की शुचिता बनाए रखने का दबाव बढ़ता गया। आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष एस राजू और तत्कालीन सचिव संतोष बडोनी की अध्यक्षता में आयोग ने कठोर नकलरोधी कानून की गाइडलाइन बनाई और उसे सरकार को भेजा।
सरकार ने मसौदे पर आंशिक संशोधन कर उसे विधानसभा में पास कराया और बाद में राजभवन ने भी हरी झंडी मिलने के बाद वह नकलरोधी कननू बना। इसके साथ ही आयोग ने अगस्त 2022 में एक दूसरा प्रस्ताव द्विस्तरीय परीक्षा पैटर्न का भी सरकार को भेजा।
यूकेएसएसएससी अध्यक्ष जीएस मर्तोलिया के अनुसार, यूकेएसएसएससी की द्विस्तरीय परीक्षा पैटर्न का प्रस्ताव सरकार के पास विचाराधीन है। इस संबंध में आयोग के साथ अधिकारियों की कई दौर की बैठकों में चर्चा हुई और इसके प्रारूप में आंशिक रूप से बदलाव करने की तैयारी की जा रही है। उम्मीद है कि इस वर्ष अप्रैल माह से नये पैटर्न से परीक्षा आयोजित की जा सकती है।
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