आंसर शीट में ‘जय राम जी’ लिखने वाला हुआ पास, RTI में खुलासे के बाद प्रोफेसर पर एक्शन

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जौनपुर, 25 अप्रैल। जौनपुर की वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल यूनिवर्सिटी में आंसर शीट की जांच में कई अनियमितता सामने आई है. यह मामला फार्मेसी विभाग से जुड़ा है, जहां यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर ने कॉपी जांच के दौरान ज्यादा अंक दे दिए थे. जबकि कॉपी में सही आंसर की जगह जय श्री राम पास कर दीजिए और अन्य चीजें लिखी हुईं थी. इस मामले पर छात्र नेता उद्देश्य और दिव्यांशु ने RTI लगाई थी. जिसके बाद बाहरी शिक्षकों से कॉपी का मूल्यांकन कराया गया.
जिस सब्जेक्ट में यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर ने कॉपी चेक कर 52 और 34 नंबर दिए थे उसी कॉपी की जांच जब बाहरी शिक्षकों द्वारा की गई तो उसमें छात्रों को ‘शून्य’ और 4 नंबर मिले. मामले की गंभीरता को देखते कुलपति वंदना सिंह ने दो प्रोफेसर को कार्यमुक्त करने का आदेश दिया है.
क्या है मामला
जौनपुर के वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में डी फार्मा कोर्स के फर्स्ट और सेकंड सेमेस्टर के छात्रों को बिना सही जवाब दिए पास करने का मामला सामने आया था. यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र दिव्यांशु सिंह ने आरटीआई के अंतर्गत विश्वविद्यालय से जानकारी मांगी थी. यही जानकारी 3 अगस्त 2023 को मांगी गई थी. जन सूचना अधिकार के अंतर्गत डी फार्मा कोर्स के लगभग 18 छात्रों का रोल नंबर उपलब्ध कराते हुए दिव्यांशु ने उनकी कॉपियां निकलवाने और उसको फिर से मूल्यांकन करने के लिए कहा था.
कॉपी में लिखा गया ‘जय श्री राम’
दरअसल, छात्र का आरोप था कि विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर ने रिश्वत लेकर छात्रों को पास किया है. छात्र दिव्यांशु द्वारा बाकायदा शपथ पत्र लगाकर शिकायती पत्र में संलग्न कर राजभवन को साक्ष्य प्रस्तुत किया गया. छात्र द्वारा साक्ष्य में इस बात का उल्लेख किया गया था कि कॉपी कि जांच गलत तरीके से की गई थी. कॉपी में उत्तर में जय श्री राम और खिलाड़ियों के नाम लिखें गए थे. इसके बावजूद प्रोफेसर ने छात्रों को नंबर दे दिए थे.
जांच समीति का हुआ गठन
छात्र के शिकायती पत्र और शपथ पत्र को संज्ञान में लेते हुए राजभवन ने 21 दिसंबर 2023 को जांच कर कार्रवाई करने का आदेश जारी किया था. विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा इस संबंध में एक जांच समिति का गठन किया गया. जांच समीति ने द्वारा बाहरी प्रोफसर से कॉपी का मूल्यांकन कराया. बाहरी शिक्षकों द्वारा कॉपी का मूल्यांकन किया गया तो छात्रों को क्रमशः 0 और 4 अंक मिले.
क्या बोली कुलपति
इस मामले में कुलापति वंदना सिंह से बातचीत की. जिसमें उन्होंने बताया कि गलत मूल्यांकन करने वाले दो प्रोफेसर को कार्य मुक्त करने की संस्तुति की गई है. स्पेशल बैक की कॉपी में मूल्यांकन के दौरान अनियमितता हुई है. उन्होंने बताया की दोबारा मूल्यांकन करने में अंकों में बहुत अंतर आया. इस संबंध में राजभवन से पत्राचार किया जाएगा.
पहले भी लग चुके हैं आरोप
इस मामले में दो प्रोफेसर पर गाज गिरनी तय है. प्रो विनय वर्मा और प्रो आशीष गुप्ता को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन कार्यवाही की संस्तुति के लिए लिखने जा रहा है. प्रो. विनय वर्मा पर पहले भी आरोप लग चुके हैं. पैसे लेकर पकडे गए मोबाईल को UFO से हटाने के मामले में भी विनय वर्मा का नाम सामने आया था. इसके बाद से प्रशासनिक कार्य से विनय वर्मा को हटा दिया गया था.

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