पौड़ी, 6 अगस्त। बेस अस्पताल श्रीकोट में विश्व स्तनपान सप्ताह के तहत पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। एमबीबीएस छात्रों द्वारा स्तनपान से बच्चे और मां को होने वाले फायदों की जानकारी दी गई। प्रतियोगिता में छात्र शिवाली और शोभा के पोस्टर को प्रथम स्थान दिया गया, जबकि हिमांशी और अंकाक्षा को द्वितीय तथा श्रेया नौटियाल एवं श्रेया उनियाल ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।
सोमवार को बेस चिकित्सालय के व्याख्यान हॉल में आयोजित पोस्टर प्रतियोगिता में एमबीबीएस छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम में निर्णायक टीम में गायनी विभाग के एचओडी डॉ. नवज्योति बोरा, एसो. प्रोफेसर बाल रोग डॉ. तृप्ति श्रीवास्तव, कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के डॉ. सुरेन्द्र सिंह, गायनी विभाग की डॉ. दीप्ति शर्मा शामिल रहे। इस मौके पर बाल रोग विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. अशोक शर्मा, डॉ. अंकिता गिरी, डॉ. मीनाक्षी रावत, जेआर डॉ. संजना, डॉ. रविन्द्र सिंह आदि मौजूद रहे।
उन्होंने बताया कि बच्चे के जन्म के तुरंत बाद प्राप्त होने वाला मां का गाढ़ा पीला दूध जिसे कोलोस्ट्रम भी कहा जाता है, नवजात शिशु के लिए आदर्श पोषण है. पोषक तत्वों एवं एंटीबॉडी से भरपूर, यह दूध बच्चे के लिए पहले टीके का काम करता है. यह बीमारियों के जोखिम को कम करता है, जिसमें कान के संक्रमण, अस्थमा, श्वसन संक्रमण, दस्त, उल्टी, बचपन का मोटापा और शिशुओं की अचानक मृत्यु सिंड्रोम भी शामिल है. स्तनपान बच्चे की बौद्धिक क्षमता में भी तीन से चार अंक तक की वृद्धि करता है.
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