डीएवी कालेज में प्राचार्य आफिस के भीतर छात्र ने किया आत्मदाह का प्रयास, शिक्षकों ने दौड़कर पकड़ा

1 min read

देहरादून, 24 सितम्बर। डीएवी काॅलेज में मंगलवार को उस वक्त सनसनी फैल गयी, जब लॉ के एक छात्र ने प्राचार्य कार्यालय के भीतर आत्मदाह करने की कोशिश की। शिक्षकों ने दौड़कर उसे पकड़ लिया और उसके हाथ से पेट्रोल से भरी कैन छीन ली। छात्र का आरोप है कि उसे बार बार क्लास से बाहर करके उत्पीड़न किया जा रहा है।

डीएवी काॅलेज में मंगलवार को लॉ के पांचवे सेमेस्टर का छात्र अक्षय शर्मा प्लास्टिक की कैन लेकर प्राचार्य कार्यालय में पहुंचा। उसने कहा कि उसे इतना ज्यादा परेशान कर दिया गया है कि वह आत्महत्या करने पर मजबूर हो गया है।

अक्षय का कहना था कि इसी सेमेस्टर में पहले उसे गलत तरीके से 15 दिन के लिए निलंबित किया गया था। निलंबन खत्म होने के बाद वह क्लास में जा रहा है तो उसे बार बार क्लास से बाहर निकाल दिया जाता है।

कैरियर खराब करने का लगाया आरोप
छात्र का कहना था कि सोमवार को एक बार फिर से उसे क्लास से बाहर निकाल दिया गया। छात्र ने कैन खोलकर अपने ऊपर तेल छिड़कने की कोशिश की तो रसायन विभाग के वरिष्ठ शिक्षक सत्यव्रत त्यागी ने उसे पकड़ लिया और उसके हाथ से कैन छीन ली। इसके बाद भी छात्र काफी देकर तक चीखता चिल्लाता रहा कि उसे मरने दिया जाए क्योंकि कुछ लोग उसका कैरियर खराब करने में लगे हैं।

समझा-बुझाकर शांत कराया छात्र को
शिक्षकों ने उसे समझा बुझाकर शांत कराया और उसे प्राचार्य कार्यालय में भी बैठाया गया। इसके बाद लॉ विभाग के शिक्षक भी मौके पर पहुंचे। कालेज में पहले से मौजूद पुलिसकर्मी भी घटना की सूचना मिलने पर प्राचार्य कार्यालय में पहुंच गये। प्राचार्य और चीफ प्रॉक्टर ने लॉ विभाग के शिक्षकों से भी मामले की जानकारी हासिल की और समस्या को सुलझाने के लिए कहा।

दोनों पक्षों से मामले की जानकारी ली गयी है और मामले को सुलझा लिया गया है। काॅलेज प्रशासन का प्रयास है कि किसी के साथ गलत नहीं होना चाहिए चाहे वह शिक्षक हो या फिर छात्र। उम्मीद है भविष्य में ऐसी समस्या खड़ी नहीं होगी।
प्रो. एसके सिंह, प्राचार्य डीएवी पीजी काॅलेज

जो छात्र शिक्षकों पर परेशान करने का आरोप लगा रहा है, उसका व्यवहार शिक्षकों के साथ ठीक नहीं है। उसे किसी शिक्षक ने परेशान नहीं किया है, यह आरोप सरासर गलत है। उसने कैन ले जाकर चर्चा में आने के लिए ड्रामा किया।
डाॅ. पारुल दीक्षित विभागाध्यक्ष, लॉ विभाग

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours