हिंदी में 95% नंबर और ‘आवेदन पत्र’ नहीं लिख पाया डाक विभाग में चयनित शाखा डाकपाल

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डॉ. अजय मोहन सेमवाल। डाक विभाग में चयनित डाक सेवकों के हिंदी लिखने में असमर्थतता का मामला अभी ठीक से शांत भी नहीं हुआ था कि अब पौड़ी में चयनित शाखा डाकपाल (पोस्ट मास्टर) के हिंदी में आवेदन पत्र नहीं लिख पाने का मामला सामने आया है। जबकि चयनित शाखा डाकपाल ने हरियाणा बोर्ड से उत्तीर्ण हाईस्कूल की बोर्ड परीक्षा में हिंदी विषय में 95 नंबर पाए हैं। ऐसे में अब इस पूरी चयन प्रक्रिया पर सवाल उठ रहे हैं।

डाक अधीक्षक पौड़ी दीपक शर्मा ने प्रकरण के सामने आने पर रिपोर्ट डाक परिमंडल देहरादून को भेज दी है। कहा कि चयनित शाखा डाकपाल की तैनाती को लेकर उच्च अधिकारियों के दिशा-निर्देश के बाद कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।मंगलवार को प्रधान डाकघर पौड़ी में एक चयनित शाखा डाकपाल नियुक्ति के लिए पहुंचा। जहां डाक अधीक्षक की ओर से चयनित शाखा डाकपाल को एक आवेदन पत्र हिंदी में लिखने के लिए कहा गया। आधे घंटे बाद जब चयनित डाकपाल ने हिंदी में लिखा आवेदन पत्र देखा, तो सभी अधिकारी-कर्मचारी सिर पकड़कर एक-दूसरे का मुंह ताकते रह गए।

आवेदन पत्र में चयनित डाकपाल ने अधीक्षक को अदीशय, महोदय को मेव्य, डाकघर को ढाकघर और पौड़ी को पैटी लिखा था। इसके आगे पत्र में जो कुछ भी लिखा था, उसमें कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था। इसके बाद डाक कर्मियों ने उसे अंकों को हिंदी में लिखने के लिए कहा। चयनित डाकपाल ने 1500 को पद्रासै, 2750 को सताइसे, 3531 को तीन हजार पानसे कतीस और 250 को ढाइरौ लिखा।

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