देहरादून, 26 फरवरी। उत्तराखंड में सरकारी स्कूलों द्वारा छात्रों को दस्तावेजों के अभाव में एडमिशन नहीं देने को लेकर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने नाराजगी जाहिर की है। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने स्पष्ट किया है कि किसी भी वजह से सरकारी स्कूलों में बच्चों के दाखिले के लिए प्रधानाचार्य या शिक्षक मना नहीं कर सकते. ऐसा करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के भी निर्देश दिए गए हैं।
दस्तावेजों को कमी को अधार नहीं बनाया जा सकता
उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों में किसी भी बच्चे को एडमिशन के लिए इनकार नहीं किया जा सकता है। खबर है कि मुख्य सचिव रतूड़ी के सामने कुछ ऐसे मामले आए थे। जिसमें दस्तावेजों की कमी के कारण कुछ छात्रों के एडमिशन स्कूल में नहीं हो पा रहे थे। इन्हीं प्रकरणों के सामने आने के बाद मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने स्पष्ट निर्देश देते हुए स्कूलों में दाखिला के लिए इनकार करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
स्कूलों में इस तरह की स्थितियों से निपटने के लिए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने अपर सचिव शिक्षा रंजना राजगुरु को नोडल अधिकारी तैनात किया है। साथ ही उन्हें सभी स्कूलों को इस संदर्भ में निर्देश जारी करने के लिए कहा गया है।
इसके अलावा मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने प्रदेश में बाल भिक्षावृत्ति, बाल विवाह और बाल श्रम के मामलों पर भी चिंता जाहिर करते हुए ऐसे प्रकरण पर रोकथाम के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाने के निर्देश दिए। इस संबंध में स्टेट रिस्पांस केंद्र की स्थापना करने के भी निर्देश दिए गए।
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