देहरादून, 17 मार्च। उत्तराखंड कांग्रेस में इस्तीफों का दौर खत्म ही नहीं हो रहा है। रविवार को कांग्रेस को दो बड़े झटके लगे। टिहरी से विधानसभा का चुनाव लड़ चुके विरष्ठ नेता धन सिंह नेगी और बदरीनाथ विधायक व पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह भंडारी ने पार्टी छोड़ दी। वहीं, तीन दिन में आठ बड़े नेताओं के इस्तीफे से पार्टी में हड़कंप मचा हुआ है। उधर, राजेंद्र भंडारी ने दिल्ली में भाजपा ज्वाइन कर ली है। सीएम पुष्कर सिंह धामी, मंत्री पीयूष गोयल, पौड़ी सीट से उम्मीदवार अनिल बलूनी और उत्तराखंड भाजपा प्रभारी दुष्यंत गौतम ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई।
राजेंद्र भंडारी का राजनीतिक सफर
चमोली जनपद के पोखरी विकास खंड के नैली ऐंथा गांव निवासी राजेंद्र भंडारी ने छात्र जीवन से राजनीति की शुरुआत की थी। राजेंद्र भंडारी बदरीनाथ से मौजूदा विधायक हैं। इससे पहले 2012 के विधानसभा चुनाव राजेंद्र भंडारी बदरीनाथ सीट से विधायक चुने जाने के बाद हरीश रावत सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं, जबकि 2022 के विधानसभा चुनाव में राजेंद्र भंडारी ने उत्तराखंड भाजपा अध्यक्ष महेंद्र भट्ट को पटखनी दी जबकि 2017 में वे महेंद्र भट्ट से चुनाव हार गए थे। राजेंद्र भंडारी की पत्नी रजनी भंडारी वर्तमान में चमोली से जिला पंचायत अध्यक्ष हैं। वहीं भाजपा में शामिल होने के बाद राजेंद्र भंडारी ने कहा कि उत्तराखंड में जो विकास कार्य चल रहे हैं, उससे प्रभावित होकर वह पार्टी में शामिल हुए हैं।
तीन दिन में आठ नेताओं ने छोड़ा कांग्रेस का हाथ
बता दें कि शुक्रवार को ही गंगोत्री के पूर्व विधायक विजय पाल सजवाण और पुरोला के पूर्व विधायक मालचंद ने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। फिर शनिवार को पार्टी का चर्चित चेहरा माने जाने वाली नेता कांगेस नेता हरक सिंह रावत की पुत्रवधू अनुकृति गुसाईं ने इस्तीफा दे दिया। पौड़ी से कांग्रेस के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष केसर सिंह नेगी ने पार्टी से त्यागपत्र दे दिया। तो वहीं, विकासखंड कोट के पूर्व प्रमुख व कांग्रेस के पूर्व प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य नवल किशोर ने भी कांग्रेस का हाथ छोड़ दिया। इसके अलावा पौड़ी ब्लॉक प्रमुख दीपक कुकसाल ने भी कांग्रेस छोड़ दी।
दरअसल, कांग्रेस विधायक राजेंद्र भंडारी की पत्नी रजनी भंडारी चमोली से जिला पंचायत अध्यक्ष है और उन्हें सरकार दो बार अध्यक्ष पद से हटाने का फैसला कर चुकी है। रजनी भंडारी पर अनियमित बरतने के गंभीर आरोप लगाए गए थे। सरकार ने उन्हें अध्यक्ष पद से हटाया था। हालांकि, इसके बाद दो बाररजनी भंडारी ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और कोर्ट के जरिए बहाल हुईं। अब जब राजेंद्र भंडारी ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया है। तब कांग्रेस नेताओं का कहना है कि राजेंद्र भंडारी और उनकी पत्नी पर भ्रष्टाचार समेत कई दूसरे मामलों की जांच चल रही थी। उनकी पार्टी छोड़ने की एक वजह यह भी हो सकती है।
धन सिंह नेगी ने छोड़ी कांग्रेस
वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और टिहरी विधानसभा से पूर्व विधायक धन सिंह नेगी ने भी कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है। 2022 के विधानसभा चुनाव में टिकट न मिलने से खफा होकर धन सिंह नेगी ने भाजपा छोड़कर कांग्रेस का दामन थामा था।
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