बिथ्याणी डिग्री कालेज में जन क्रान्ति के नायक श्रीदेव सुमन के पद चिन्हों पर चलने का लिया संकल्प

1 min read

यमकेश्वर, 25 जुलाई। यमकेश्वर स्थित राजकीय महाविद्यालय बिथ्याणी में 25 जुलाई को श्रीदेव सुमन की 80वीं पुण्यतिथि पर उनको श्रद्धांजलि अर्पित की गई एवं छात्र छात्रों को उनके बलिदान एवं आंदोलन से रूबरू कराया गया तथा श्रीदेव के आदर्शों से प्रेरणा लेकर उनके पद चिन्हों पर चलने का संकल्प लिया।

श्री देव सुमन, जिनका जन्म श्री दत्त बडोनी के रूप में (25 मई 1916 – 25 जुलाई 1944) हुआ था। श्री देव सुमन ब्रिटिश भारत में टिहरी गढ़वाल रियासत (अब उत्तराखंड , भारत का जिला टिहरी) से एक भारतीय राजशाही-विरोधी सामाजिक कार्यकर्ता, स्वतंत्रता सेनानी और लेखक थे। देव सुमन अहिंसक गांधीवादी नागरिक अधिकार आंदोलनों और अंततः टिहरी की राजशाही के पूर्ण उन्मूलन की मांग करने वाले अभियानों को प्रेरित करने और उनका नेतृत्व करने में अपनी भूमिका के लिए प्रसिद्ध हैं। सुमन गांधी के प्रशंसक थे और उन्होंने टिहरी में अहिंसक संघर्ष और स्वदेशी की उनकी विचारधारा का प्रचार किया। चिपको आंदोलन को लोकप्रिय बनाने के लिए प्रसिद्ध सुंदरलाल बहुगुणा भी उनके समर्पित शिष्य थे, उन्होंने टिहरी की जनता को गांधी, चरखा और राष्ट्रवाद से परिचित कराने का श्रेय भी सुमन को दिया।

श्रद्धांजलि समारोह के अवसर पर डॉ उमेश त्यागी, डॉ विनय कुमार पांडेय एवं डॉ सुनील देवराडी के द्वारा छात्र-छात्राओं को श्रीदेव सुमन के जीवन से संबंधित घटनाएं एवं उनके द्वारा किए गए आंदोलनों से छात्र -छात्राओं को अवगत कराया गया।

इस अवसर पर डॉ राम सिंह सामंत, डॉ पूजा रानी, सीमा देवी, पूनम, सतीश नेगी, संजय रतूडी, सुनील रावत, मानेन्द्र सिंह बिष्ट एवं अन्य कर्मचारी उपस्थित थेकार्यक्रम का संचालन डॉ नीरज नौटियाल के द्वारा किया गया।

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours