देहरादून, 4 जून। लोकसभा चुनाव 2024 में उत्तराखंड की सबसे हॉट पौड़ी लोकसभा सीट पर बीजेपी का कमल खिल गया है. पौड़ी लोकसभा सीट पर बीजेपी के अनिल बलूनी जीत गये हैं. गढ़वाल लोकसभा सीट अनिल बलूनी के लिए काफी मुश्किल दिख रही थी. कांग्रेस प्रत्याशी गणेश गोदियाल ने सोशल मीडिया से लेकर रैलियों में जमकर बलूनी के खिलाफ माहौल बनाया था. एक वक्त तो ऐसा लग रहा था कि अनिल बलूनी के हाथ से सीट फिसल जायेगी, मगर आखिर में अनिल बलूनी ने पौड़ी लोकसभा सीट जीत ली।
पौड़ी गढ़वाल सीट पर तीसरे नंबर पर रहा NOTA
बता दें अनिल बलूनी उत्तराखंड से राज्यसभा सांसद रहे चुके हैं. अनिल बलूनी को पीएम मोदी का करीबी माना जाता है. वे पीएम मोदी के चुनावी कैंपेन संभाल चुके हैं. अनिल बलूनी बीजेपी के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी भी हैं. उन्होंने कांग्रेेस के पूर्व अध्यक्ष रहे गणेश गोदियाल को 163503 वोटों से हराया। अनिल बलूनी को 432159 वोट मिले, वहीं गोदियाल को 268656 वोटों से ही संतुष्ट रहना पड़ा। इसके बाद इस सीट पर नोटा ने महत्वपू्र्ण जिम्मेदारी निभाई। 11375 लोगों ने NOTA का बटन दबाया। जबकि यूकेडी के आशुतोष सिंह मात्र 4561 मत पाकर पांचवें स्थान पर रहे।
अनिल बलूनी नकोट गांव के रहने वाले हैं. नकोट गांव पौड़ी जिले में आता है. अनिल बलूनी में अपनी राजनीति की शुरूआत भी पौड़ी जिले से ही की. राज्य गठन के बाद उत्तराखंड में 2002 में पहले विधानसभा चुनाव हुये. जिसमें अनिल बलूनी भी चुनाव लड़े. साल 2002 में अनिल बलूनी ने बीजेपी के टिकट पर कोटद्वार विधानसभा से नोमिनेशन किया. इस बार उनकी नॉमिनेशन रद्द कर दिया गया, जिसके बाद अनिल बलूनी नोमिनेशन रद्द मामले को लेकर हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक गए.
साल 2014 में बीजेपी में बड़ी जिम्मेदारी मिली. 2014 में बलूनी को राष्ट्रीय प्रवक्ता बनाया गया. इसके बाद उन्हें राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख की जिम्मेदारी सौंपी गई. जिसमें उन्होंने अभूतपूर्व काम किया. जिसका उन्हें इनाम मिला.अनिल बलूनी को 10 मार्च 2018 में उत्तराखंड से राज्यसभा भेजा गया. साल 2024 में राज्यसभा कार्यकाल पूरा होने के बाद अब मोदी शाह उन्हें लोकसभा चुनाव में उतार रहे हैं.
समय मिलता तो बेहतर रहता परिणाम : गोदियाल
गढ़वाल लोकसभा सीट से दूसरे नंबर पर रहे कांग्रेस उम्मीदवार गणेश गोदियाल ने मतदाताओं का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि वह अपने विचारों को अधिसंख्य जनता के बीच पहुंचाने में कामयाब नही हो पाए हैं। गोदियाल ने कहां की अगर उन्हें और समय मिलता तो वे अधिसंख्य मतदाताओ के मध्य अपने विचारों को पहुचाने में कामयाब रहते। उन्होंने कहाँ की वे जनादेश को स्वीकार करते हुए नवनिर्वाचित सांसद अनिल बलूनी को जीत की बधाई देते हैं। उन्होंने कहा कि वे इस बात से खुश हैं कि उनका विचार सत्य के काफी करीब है। कहाँ कि उनके मन में इस बात की जरूर ठीस रहेगी की वह अंकित भंडारी का मुद्दा अग्निवीर का मुद्दा जो संसद में उठाना चाहते थे उसे मुद्दे को उठाने से वंचित रह गए हैं। लेकिन उनकी लड़ाई सड़कों पर जारी रहेगी।
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