देहरादून, 20 मई। उत्तराखंड चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को लेकर सरकार ने बड़ा निर्णय लिया है. सरकार ने आगामी 31 मई तक ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन बंद कर दिए है. सोमवार 20 मई को उत्तराखंड सचिवालय देहरादून में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई बैठक में ये फैसला लिया गया. हालांकि सरकार ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन बंद नहीं किए है, लेकिन ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन में आपको दर्शन के लिए 20 जून के बाद ही तारीख मिलेगी. क्योंकि ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन में भी 20 जून तक के स्लॉट फुल है।
दरअसल, गंगोत्री-यमुनोत्री और केदारनाथ धाम के कपाट दस मई को खुले गए थे. वहीं, 12 मई के बदरीनाथ धाम के कपाट खुले थे. यात्रा के पहले हफ्ते में बड़ी संख्या में श्रद्धालु यमुनोत्री धाम पहुंच गए थे, जिससे यमुनोत्री धाम में सारी व्यवस्थाएं चरमरा गई थी. यहीं कारण है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी बीते दिनों उत्तरकाशी का दौरा किया था और चारधाम यात्रा व्यवस्थाओं को जायजा लिया था. तभी से लगातार सीएम धामी चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं पर नजर बनाए है और हर दूसरे-तीसरे दिन बैठक कर चारधाम यात्रा व्यवस्थाओं की समीक्षा कर रहे है. हालांकि अब धीरे-धीरे चारधाम यात्रा की तमाम व्यवस्थाएं पटरी पर आ गई है।
सोमवार 20 मई को भी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में उच्च अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक के दौरान सीएम धामी ने अधिकारियों को 31 मई तक ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन बंद करने के निर्देश दिए हैं. इसके अलावा बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चारधाम और यात्रा मार्ग पर पेयजल और विद्युत आपूर्ति की भी समीक्षा बैठक की।
बैठक के दौरान सीएम धामी ने श्रद्धालुओं की संख्या को नियंत्रित करने के लिए टूर ऑपरेटर्स संबंधित एडवाइजरी जारी करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए. सीएम ने कहा कि जो भी पर्यटक बिना रजिस्ट्रेशन के चारधाम यात्रा पर आ रहे हैं, उनकी सुविधा के लिए पुलिस और पर्यटन विभाग आपसी तालमेल बनाकर चारधाम के अलावा भी राज्य के अन्य धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटक स्थलों के लिए डायवर्जन प्लान तैयार करें. साथ ही चारधाम में ड्यूटी पर तैनात सभी सुरक्षाकर्मी अनुशासन को ध्यान में रखते हुए सम्मान के साथ श्रद्धालुओं से व्यवहार करें.
बता दें कि सरकार ने बीती 15 मई से चारधाम यात्रा के लिए ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन पर रोक लगा रखी है, जिस कारण बड़ी संख्या में श्रद्धालु हरिद्वार और ऋषिकेश में रूके हुए है. ऐसे में कई बार श्रद्धालु ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन खोले जाने की मांग को लेकर हंगामा भी कर रहे है.
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