नई दिल्ली, 18 जून। नीट यूजी 2024 एग्जाम और उसके रिजल्ट के बाद पेपर लीक को लेकर NEET Result पर उठ रहे सवालों के बीच सुप्रीम कोर्ट में एक और याचिका दायर हुई है। कहा गया है कि तमाम ओएमआर शीट का दोबारा मूल्यांकन किया जाए और उसके हिसाब से दोबारा रैंकिग तय हो। साथ ही कोर्ट की निगरानी में पूरे मामले की छानबीन कराई जाए।
सुप्रीम कोर्ट में नीट परीक्षा में शामिल हुए 8 कैंडिडेट की ओर से अनुच्छेद-32 के तहत रिट दाखिल की गई है। 5 मई को नीट का एग्जाम हुआ था और उसके लिए 24 लाख स्टूडेंट्स ने फॉर्म भरे थे। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा गया है कि एनटीए (National Testing Agency) द्वारा इस मामले में काफी मनमाना और अवैध एक्शन लिया गया है। याचिका में कहा गया है कि स्टूडेंट्स के स्कोरकार्ड और ओएमआर शीट में नंबर अलग-अलग हैं। ये विसंगतियां ग्रेस नंबर के कारण नहीं हुई हैं क्योंकि याचिकाकर्ता जैसे स्टूडेंट्स उक्त सेंटर में नहीं थे, जहां के बच्चों को ग्रेस मार्क्स मिले हैं।
नीट रिजल्ट रद्द करने की मांग
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा गया है कि कटऑफ नंबर और औसतन रिजल्ट इस बार अभूतपूर्ण रहा है। 67 स्टूडेंट्स ने 720 में 720 मार्क्स पाए हैं। जबकि आमतौर पर 3-4 स्टूडेंट्स ही टॉप करते थे। इन टॉपरों में छह तो हरियाणा के सिर्फ एक ही सेंटर से हैं। कुछ स्टूडेंट्स को 718 व 719 नंबर आए हैं और स्टैटिकली यह सवालों के घेरे में है।
साथ ही समय की कमी के कारण जिन स्टूडेंट्स को ग्रेस नंबर मिले हैं उनके लिए क्या क्राइटेरिया तय किया गया उसका खुलासा नहीं हुआ। साथ ही जो भी ग्रेस नंबर दिए उसके पीछे कोई लॉजिक तय नहीं था। इन्फॉरमेशन बुलेटिन में ग्रेस नंबर के प्रावधान और टाइम की कमी के कारण दिए जाने वाले कंपनसेशन के बारे में खुलासा नहीं किया गया है।
एनटीए ने एग्जाम के बाद नए नियम तय किए हैं और यह सब रिजल्ट की सच्चाई पर सवाल उठाता है। याचिकाकर्ता ने गुहार लगाई है कि नीट के रिजल्ट को अवैध घोषित किया जाए और उसे रद्द किया जाए।
सुप्रीम कोर्ट इससे संबंधित तमाम याचिकाओं पर नोटिस जारी कर चुकी है। नीट पेपर लीक और अनियमितता के मामले में दाखिल अलग-अलग याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट नोटिस जारी कर चुकी है। सीबीआई जांच वाली याचिका पर भी सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को नोटिस जारी किया था। तमाम याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के लिए 8 जुलाई की तारीख तय कर दी है।
एनबीटी लेंस: सुनवाई का दायरा व्यापक
सुप्रीम कोर्ट में जब यह मामला पहली बार पहुंचा था तब पेपर लीक का आरोप लगाते हुए रिजल्ट पर रोक की मांग की गई थी। लेकिन तब 17 मई को सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच ने रिजल्ट पर रोक से इनकार कर दिया था लेकिन मामले में नोटिस जारी किया था। लेकिन बाद में नीट यूजी 2024 के पेपर लीक को लेकर कई अन्य याचिका भी दाखिल हुई और साथ ही रिजल्ट आने के बाद एक ही सेंटर से छह टॉपर और कुल 67 टॉपर होने पर संदेह जताया गया। मामले की सीबीआई जांच की मांग हुई। साथ ही ग्रेस नंबर पर भी सवाल उठाया गया। इसके साथ ही दोबारा मूल्यांकन की भी गुहार लगाई जा चुकी है। ऐसे में इस मामले में सुनवाई का दायरा काफी व्यापक हो चुका है। हालांकि काउंसलिंग पर रोक नहीं है, पर 8 जुलाई को सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस के सामने तमाम पहलुओं पर सुनवाई होगी।
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