डॉ. अजय मोहन सेमवाल। सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के अतिरिक्त महानिदेशक दीपम सेठ अपने मूल कैडर उत्तराखण्ड लौट रहे हैं। केंद्र ने समय से पहले उनकी प्रतिनियुक्ति को समाप्त करते हुए उत्तराखंड शासन में तत्काल रिपोर्ट करने को कहा है। उनका प्रदेश में लौटने को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं कि कार्यवाहक डीजीपी अभिनव कुमार के स्थान पर सेठ को नया डीजीपी बनाया जा सकता है।
दीपम सेठ को रिलीव करने का आदेश केंद्रीय गृह मंत्रालय में उपसचिव संजीव कुमार की ओर से 23 नवम्बर को जारी किया गया है। मौजूदा समय में मुख्यमंत्री धामी की पसंद यूपी कैडर के अभिनव कुमार 30 नवम्बर 2023 से कार्यवाहक डीजीपी हैं। बीते तीन अक्तूबर को यूपीएससी ने प्रदेश के स्थायी डीजीपी पद पर नियुक्ति के लिए जिन तीन नामों का पैनल भेजा था, उनमें अभिनव कुमार का नाम शामिल नहीं किया। पैनल में पहले नम्बर पर 1995 बैच के आईपीएस अधिकारी दीपम सेठ का नाम है। दूसरे स्थान पर 1995 बैच के ही अधिकारी पीवीके प्रसाद और तीसरे स्थान पर 1997 बैच के आईपीएस अमित कुमार सिन्हा का नाम है। जबकि धामी सरकार ने नियमित डीजीपी के लिए सात पुलिस अफसरों के नाम यूपीएससी को भेजे थे।
सुप्रीम कोर्ट ने भी फटकारा
डीजीपी की नियुक्ति के लिए 30 साल की सेवा सम्बन्धी नियमों में कुछ ढील दी गयी थी। यह कहा गया था कि जिन राज्यों में डीजी रैंक के अधिकारी नहीं हैं, वहां 25 वर्ष की सेवा पूरी कर चुके एडीजी रैंक के अधिकारी को कार्यकारी डीजीपी बनाया जा सकता है। नियमों की इस शिथिलता के बाद अन्य राज्यों की तरह उत्तराखण्ड में भी आईपीएस अभिनव कुमार को नवम्बर 2023 में कार्यवाहक डीजीपी बना दिया गया। इस बीच, इस मसले पर याचिका दाखिल होने के बाद सुप्रीम कोर्ट से इस व्यवस्था को लेकर कई राज्यों को फटकार भी लगी।
+ There are no comments
Add yours