डॉ. अजय मोहन सेमवाल। ज्योतिर्मठ में भोजन की तलाश में निकला भालू का सिर कनस्तर में फंस गया. पूरी रात भालू इधर से उधर घूमता रहा, लेकिन सिर कनस्तर से बाहर नहीं निकाल सका. घटना के कई घंटों बाद मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने भालू के सिर से कनस्तर निकाला और उसे आजाद कर दिया.
परसारी गांव में कनस्तर में फंसा भालू का सिर: वन विभाग के मुताबिक, ज्योतिर्मठ के परसारी गांव में खाने की तलाश में एक भालू का बच्चा एक घर तक जा पहुंचा. उसने कनस्तर में मुंह तो डाल दिया, लेकिन कनस्तर छोटा होने से भालू का मुंह वहीं फंस गया. कई बार कोशिश करने के बाद भालू अपना सिर बाहर निकालने में नाकाम रहा.
भालू अपने सिर पर कनस्तर लेकर इधर से उधर जाने लगा, लेकिन कुछ न दिख पाने की वजह से वो कई जगह बुरी तरह से टकराया. कई बार भालू गिरा भी, लेकिन उसके सिर से कनस्तर नहीं निकला. जिससे उसकी जान सांसत में आ गई.
भालू के फंसने की खबर से वन विभाग के कान हुए खड़े: वहीं, किसी से भालू का वीडियो रिकॉर्ड कर सोशल मीडिया पर डाल दिया. जिसके बाद भालू के कनस्तर में फंसने की खबर आग की तरह फैल गई. भालू का सिर कनस्तर में फंसने की खबर जैसे ही क्षेत्र में फैलने लगी तो वैसे ही वन विभाग की टीम हरकत में आई.
वन विभाग की टीम जानकारी जुटाते हुए परसारी गांव पहुंची. जहां कड़ी मशक्कत के बाद भालू का सिर कनस्तर से बाहर निकाला. जिसके बाद वन विभाग की टीम ने भालू को जंगल में छोड़ दिया. बताया जा रहा है कि इससे पहले भालू को काबू में करने के लिए वन कर्मियों के पसीने छूट गए थे.
शीतनिद्रा लेने की बजाय रिहायशी इलाकों में पहुंच रहे भालू: गौर हो कि सर्दियों में अक्सर भालू हाइबरनेशन यानी शीतनिद्रा में चले जाते हैं, लेकिन अब भालुओं के स्वभाव में चेंज देखने को मिला है. जंगलों में इंसानों की दखलअंदाजी, भोजन की तलाश और अन्य कारणों से भालू रिहायशी इलाकों में पहुंच रहे हैं.
इससे पहले भी जोशीमठ समेत आसपास के जंगल से सटे इलाकों में भालू की गतिविधियां देखी गई. इतना ही नहीं जोशीमठ यानी ज्योतिर्मठ में भालुओं का झुंड कूड़ा टटोलते भी देखे गए. वहीं, भालू और इंसान के बीच संघर्ष की घटनाएं भी लगातार सामने आ रही है.
+ There are no comments
Add yours