देहरादून, 6 जुलाई। अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता दिवस पर राज्य सरकार ने प्रदेश की आधी आबादी को बड़ी सौगात दी है। सरकार ने सहकारिता के क्षेत्र में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देने का ऐतिहासिक निर्णय लेने के साथ ही इसका शासनादेश जारी कर दिया गया है। सहकारिता मंत्री डा. धन सिंह रावत ने इसे महिलाओं के हक में अभूतपूर्व फैसला बताते हुए महिला सशक्तिकरण की दिशा में इसे ऐतिहासिक कदम बताया है।
बता दें कि पिछले दिनों कैबिनेट बैठक में राज्य की सहकारी संस्थाओं में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देने का ऐतिहासिक निर्णय लिया गया था। जिसके तहत न्याय पंचायत स्तर से लेकर राज्य स्तर तक की विभिन्न सहकारी संस्थाओं में अध्यक्ष, निदेशक व सदस्यों के पदों पर 33 प्रतिशत आरक्षण महिलाओं के लिए निर्धारित किए जाने का निर्णय लिया गया था। लेकिन अब सरकार ने उत्तराखंड राज्य सहकारी समिति निर्वाचन (संशोधन) नियमावली, 2024 लागू होने के उपरांत राज्य में दस जिला सहकारी बैंकों, 670 बहुउद्देशीय सहकारी समितियों, एवं अन्य शीर्ष सहकारी संस्थाओं मसलन उत्तराखंड राज्य सहकारी बैंक, राज्य सहकारी संघ, आवास एवं निर्माण सहकारी संघ, प्रादेशिक को-ऑपरेटिव यूनियन, उपभोक्ता सहकारी संघ, रेशम फेडरेशन, को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन, भेड़-बकरी एवं शशक फेडरेशन, मत्स्य सहकारी संघ, श्रम निर्माण संविदा सहकारी संघ, सेब उत्पादक एवं विपणन सहकारी संघ, साइलेज उत्पादन एवं विपणन सहकारी संघ आदि सहकारी संस्थाओं में महिलाओं की 33 फीसदी भागीदारी को लेकर शासनादेश जारी कर दिया है।
सरकार के इस फैसले से सहकारी संस्थाओं में पुरूषों का एकाधिकार भी समाप्त हो जाएगा। उल्लेखनीय पहलू यह है कि उत्तराखंड देश का पहला ऐसा राज्य है जहां सहकारी संस्थाओं में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण दिए जाने का निर्णय लिया गया है।
पीएम मोदी के सहकार से समृद्धि मूल मंत्र के साथ सहकारी संस्थाओं में महिलाओं की 33 फीसदी आरक्षण दिए जाने का शासनादेश जारी कर दिया गया है। उत्तराखंड देश का पहला राज्य है जहां सहकारी संस्थाओं में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण दिया गया है। इस ऐतिहासिक निर्णय के बाद अब राज्य की एक दर्जन से अधिक सहकारी संस्थाएं महिलाओं के नेतृत्व में संचालित होंगी और महिला सशक्तिकरण की एक मिसाल कायम करेंगी।
– डॉ. धन सिंह रावत, सहकारिता मंत्री, उत्तराखंड सरकार।
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