रामपुर, 6 मार्च। पूर्व सांसद और अभिनेत्री जया प्रदा बीते दो दिनों में दो बार रामपुर कोर्ट में पेश हुई है. बुधवार को उनकी दूसरी पेशी थी। साल 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन से संबंधित दो मामलों में बयान दर्ज कराने के लिए एक स्पेशल में उन्हें पेश होने के लिए आदेश जारी किया गया था। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 22 मार्च को तय की है।
रामपुर कोर्ट ने भगोड़ा घोषित कर दिया था
27 फरवरी को रामपुर कोर्ट ने कई सम्मनों और सात गैर-जमानती वारंटों के जारी करने के बावजूद पेश नहीं होने पर उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया था। पुलिस को उनको गिरफ्तार करके 6 मार्च तक हाजिर करने का निर्देश दिया गया था। हालांकि, जया प्रदा 4 मार्च को यहां पहुंचीं और अपने वकील के साथ एमपी-एमएलए विशेष मजिस्ट्रेट शोभित बंसल की अदालत में पेश हो गयीं।
कोर्ट ने दी सशर्त जमानत
इसके बाद कोर्ट ने उन्हें सशर्त जमानत दे दी। अभियोजन अधिकारी नीरज कुमार ने कहा, ”पूर्व सांसद जया प्रदा अपने अधिवक्ताओं के साथ एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट के मजिस्ट्रेट शोभित बंसल की अदालत में उपस्थित हुईं और चुनाव आचार संहिता उल्लंघन मामले में अपना बयान दर्ज कराया। अदालत ने अब मामले की अगली सुनवाई 22 मार्च को तय की है।”
जया प्रदा ने अब कोर्ट को आश्वासन दिया है कि वो हर सुनवाई पर व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश होंगी। छूट के लिए कोई आवेदन दायर नहीं करेंगी। रामपुर कोर्ट द्वारा उनकी गिरफ्तारी करने के आदेश देने के बाद उन्होंने गैर-जमानती वारंट को रद्द करने की मांग करते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की थी, लेकिन कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी थी।
जया प्रदा साल 2019 के लोकसभा चुनाव में रामपुर से भाजपा की उम्मीदवार थी, लेकिन समाजवादी पार्टी के आजम खान से हार गई थी। इन चुनावों के दौरान जिले के केमरी और स्वार थाने में मामले दर्ज किए गए थे। उन पर आदर्श आचार संहिता लागू होने पर नए पूर्ण किए गए विकास कार्यों का उद्घाटन करने का आरोप था। इससे पहले जया प्रदा साल 2004 और 2009 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर रामपुर से लोकसभा जीत चुकी थीं। इसके बाद एसपी ने उन्हें निष्कासित कर दिया था तो वो भाजपा में शामिल हो गयी थीं।
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