देहरादून, 17 अगस्त। कोलकाता में रेजिडेंट महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म व हत्या के विरोध में आज शनिवार को प्रदेशभर के डाक्टर 24 घंटे के कार्य बहिष्कार पर रहे। देहरादून, नैनीताल, हल्द्वानी, बागेश्वर, अल्मोड़ा, रानीखेत, हरिद्वार, रुड़की, ऋषिकेश, श्रीनगर, चमोली, उत्तकाशी समेत सभी जिलों के अस्पतालों में ओपीडी की सेवाएं ठप हैं। हालांकि इमरजेंसी, पोस्टमार्टम व वीआईपी ड्यूटी के लिए डॉक्टरों की सेवाएं यथावत हैं। सरकारी व निजी अस्पतालों के डॉक्टर सड़क पर उतरे और जुलूस निकाला।
प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ के अध्यक्ष डॉ. मनोज वर्मा ने कहा कि कोलकाता के मेडिकल कॉलेज में महिला रेजिडेंट डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या का डॉक्टरों ने कड़ा विरोध किया है। डॉक्टरों ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया था कि शनिवार सुबह छह बजे से रविवार सुबह छह बजे तक 24 घंटे का कार्य बहिष्कार किया जाएगा। सभी अस्पतालों के डॉक्टर ओपीडी और सर्जरी करने नहीं आये।। पूर्व की भांति इमरजेंसी सेवाएं चलती रहीं। संघ ने सीएम को ज्ञापन प्रेषित किया। जिसमें सरकार के माध्यम से प्रधानमंत्री मोदी से हस्तक्षेप की मांग की।
उन्होंने सरकार को अवगत कराया कि प्रदेश के जिला, उप जिला चिकित्सालय, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टर व नर्सिंग स्टाफ चौबीस घंटे सेवाएं देते हैं। लेकिन, रात्रि ड्यूटी के दौरान महिला डॉक्टर और नर्सों की सुरक्षा के लिए ठोस उपाय नहीं है। अस्पतालों में ड्यूटी रूम तक नहीं है।
डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन की प्रांतीय अध्यक्ष सुधा कुकरेती और महामंत्री सतीश चंद्र पांडेय ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की ओर से शनिवार को देशव्यापी ओपीडी का कार्यबहिष्कार करने का निर्णय लिया है। डिप्लोमा फार्मासिस्ट ने समर्थन किया। सभी फार्मासिस्ट भी काला फीता बांधकर विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए।
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