देहरादून, 11 फरवरी। उत्तराखंड की मशरूम गर्ल एवं मशरूम उत्पादन की ब्रांड एंबेसडर दिव्या रावत और उसके भाई राजपाल रावत को पुणे पुलिस ने गिरफ्तार किया है। दोनों के खिलाफ पुणे ग्रामीण के पौंड थाने में एक कारोबारी ने धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया था। प्रकरण में पुणे के पौड थाने में 2022 में मुकदमा दर्ज कराया गया था। इसके लिए दिव्या रावत ने एक फर्जी शपथपत्र मेरठ में बनवाया। दोनों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस को पुणे ग्रामीण कोर्ट ने दो दिन की पुलिस कस्टडी में भेजने के आदेश दिए हैं। बताया जा रहा है कि पुणे पुलिस दिव्या और उसके भाई को देहरादून भी लेकर आ सकती है।
मशरूम गर्ल के नाम से विख्यात है दिव्या रावत
गौरतलब है कि दिव्या रावत उत्तराखंड में मशरूम गर्ल के नाम से विख्यात है। वह अपने भाई के साथ मिलकर सौम्या फूड नाम की कंपनी चलाती है। पुणे स्थित परामर्श फर्म के मालिक जितेंद्र नंदकिशोर भाखड़ा ने 27 दिसंबर 2022 को पुणे ग्रामीण के थाना पौंड में दिव्या रावत और उसके भाई के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। भाखड़ा का कहना था कि वह 2019 में अपनी फर्म के लिए कोई काम देख रहे थे। इस दौरान उनका संपर्क दिव्या रावत से हुआ। दिव्या रावत ने कहा था कि वह अपने भाई राजपाल के साथ मिलकर कॉर्डिसेस फिटनेस के नाम से एक प्रोडक्ट शुरू करने जा रही है। इसके लिए वह एक शोरूम भी बनाना चाहती है। इस प्रस्ताव पर भाखड़ा ने हां कर दी और महाराष्ट्र से कारीगर बुलाकर काम शुरू करा दिया।
मेरठ में झूठा शपथ पत्र बनवाया था दिव्या ने
उस वक्त सभी काम में एक करोड़ रुपये से ज्यादा का खर्च हुआ। इसका बिल उन्होंने दिव्या रावत को भेजा तो उन्होंने केवल 57 लाख रुपये ही देने के लिए कहा। बाद में जब रावत से पैसा मांगा तो वह गाली-गलौज और झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी देने लगी। सितंबर 2022 में पता चला कि दिव्या रावत के भाई राजपाल रावत ने भाखड़ा के खिलाफ नेहरू कॉलोनी में मुकदमा दर्ज करा दिया। भाखड़ा पर आरोप लगाया कि उन्होंने 77 लाख रुपये की ठगी की है। पौंड पुलिस ने अपने मुकदमे में जब जांच शुरू की तो पता चला कि दिव्या रावत ने जो भाखड़ा के नाम से शपथपत्र बनवाया था वह मेरठ में झूठा बनवाया गया था।
समझौते का ड्राफ्ट लेने पुणे गए थे दोनों
बताया जा रहा है कि दिव्या देहरादून में भाखड़ा के खिलाफ दर्ज मुकदमे में बचाव के लिए उनसे पैसे मांग रही थी। कुल 32 लाख रुपये मांगे गए। इस पर भाखड़ा ने 10 लाख रुपये देने को कहा। उन्होंने दिव्या रावत और राजपाल रावत को 10 लाख रुपये का ड्राफ्ट देने के लिए पुणे बुलाया। भाखड़ा ने जब रावत को ड्राफ्ट दिया तो पौंड पुलिस ने दिव्या को उनके भाई के साथ गिरफ्तार कर लिया।
जेल भी जा चुके भाखड़ा
दिव्या ने भाखड़ा पर आरोप लगाया था कि उन्होंने 77 लाख रुपये लेकर भी काम नहीं किया। इसके लिए दिव्या ने भाखड़ा की फर्म के नाम से एक फर्जी शपथपत्र मेरठ से तैयार कराया। पुलिस ने जांच करते हुए भाखड़ा को गिरफ्तार कर लिया था। भाखड़ा कुछ दिनों तक जेल में भी रहे थे।
धोखाधड़ी और जालसाजी के मामले में दिव्या रावत और उसके भाई राजपाल रावत को नौ फरवरी को गिरफ्तार किया गया है। दोनों तीन दिन के लिए पुलिस रिमांड पर हैं। उनसे पूछताछ चल रही है।
मनोज यादव, थानाध्यक्ष, पौड (पुणे ग्रामीण)
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