देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने पीएचडी कर रहे शोधार्थियों के लिए छात्रवृत्ति की योजना शुरू की है. जिसके तहत उत्तराखंड के मेधावी छात्राओं को तमाम क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण शोध करने और नवाचार करने की मकसद से राज्य विश्वविद्यालय या फिर राज्य विश्वविद्यालय से सम्बद्ध महाविद्यालयों में पीएचडी कर रहे शोधार्थियों को छात्रवृत्ति दी जायेगी. पहले चरण के तहत 50 शोधार्थियों को हर महीने पांच हजार रुपए की छात्रवृत्ति देने का निर्णय लिया है. सीएम धामी की अध्यक्षता में सोमवार को हुई मंत्रीमंडल की बैठक के दौरान पीएचडी शोधार्थियों को छात्रवृत्ति देने पर मंजूरी दे दी है.
उत्तराखंड सरकार के अनुसार, छात्रवृत्ति योजना से छात्र-छात्राओं के बीच पीएचडी/शोध करने के लिए कंपटीशन की भावना बढ़ेगी. साथ ही शोध व अनुसंधान के साथ ही नवाचार की गुणवत्ता में सुधार भी होगा. पीएचडी धारक छात्र-छात्राओं की प्रदेश व देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका होगी. नये शोध और अनुसंधान होने से विकास के नए अवसर उपलब्ध होंगे। पहले चरण में 50 शोधार्थियों को छात्रवृत्ति दी जायेगी। जिसके लिए राज्य विश्वविद्यालय या फिर सम्बद्ध महाविद्यालयों में पीएचडी कर रहे सभी छात्रों में से 50 शोधार्थियों को चिन्हित किया जाएगा।
बता दें पिछले साल 25 अगस्त 2023 को सीएम धामी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान राज्य के सरकारी विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों के शिक्षकों और छात्रों को शोध करने के लिए अनुदान और प्रतिमाह मानदेय को मंजूरी दी। जिसके तहत सरकार ने निर्णय लिया था कि शिक्षकों और छात्रों को शोध के लिए 15 से 18 लाख रुपये का अनुदान और 5000 रुपये प्रतिमाह मानदेय देगी। दरअसल, नई शिक्षा नीति में शोध को प्राथमिकता दी गई है। जिसके चलते उत्तराखंड सरकार मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा शोध प्रोत्साहन योजना शुरू की थी। इसी क्रम अब पीएचडी शोधार्थियों के लिए छात्रवृत्ति की योजना शुरू की है।
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