देश के महान उद्योगपति पद्म विभूषण रतन टाटा का निधन, जमशेदपुर मे शोक की लहर

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डॉ. अजय मोहन सेमवाल। देश के उद्योग जगत के जाने माने उद्योगपति रतन नवल टाटा के निधन की खबर मिलते ही जमशेदपुर शहर में शोक की लहर है. शहर के दुर्गा पूजा समितियों ने पूजा पंडाल में माइक गीत संगीत और कई कार्यक्रम को बंद कर दिया है. उनकी निधन में पर टाटा ग्रुप के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने शोक व्यक्त किया है.

रतन टाना के निधन के बाद जमशेदपुर में दुर्गा पूजा मेले में कार्यक्रम और साउंड सिस्टम बंद कर दिया गया. उनके निधन पर पूरा जमशेदपुर मर्माहत है. 1991 में रतन टाटा टाटा ग्रुप के चेयरमैन बने थे. इस दौरान उन्होंने टाटा ग्रुप को एक अलग मुकाम तक पहुंचाया. वे 2012 तक टाटा ग्रुप में चेयरमैन पद पर रहे.

रतन टाटा के निधन पर टाटा ग्रुप के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने शोक व्यक्त करते हुए लिखा है कि ‘हम अत्यंत क्षति की भावना के साथ श्री रतन नवल टाटा को विदाई दे रहे हैं. रतन नवल टाटा, सचमुच असाधारण व्यक्तित्व वाले इंसान थे जिनके अतुलनीय योगदान ने न केवल टाटा को आकार दिया है, समूह बल्कि हमारे राष्ट्र के बेहतर निर्माण के लिए भी खड़े रहे. टाटा समूह के लिए श्रीमान रतन टाटा एक चेयरपर्सन से कहीं अधिक थे. मेरे लिए वह एक गुरु थे मार्गदर्शन और मित्र थे.

मुंबई के कैंडी अस्पताल में अंतिम सांस
रतन टाटा के निधन पर देशभर में शोक की लहर है। उन्होंने 86 साल की आयु में मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में अंतिम सांस ली। टाटा के निधन पर टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने समूह की तरफ से संदेश जारी किया। चंद्रशेखरन ने पद्मविभूषण रतन टाटा योगदान को अतुल्य बताया। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा है कि टाटा का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा।

गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई बोले- टाटा असाधारण व्यवसाय और परोपकारी विरासत छोड़ गए
भारतवंशी सुंदर पिचाई ने भी रतन टाटा के निधन पर संवेदनाएं प्रकट कीं। उन्होंने कहा, रतन टाटा के साथ गूगल में मेरी आखिरी मुलाकात में हमने वेमो की प्रगति के बारे में बात की और उनका विजन सुनना प्रेरणादायक था। वह एक असाधारण व्यवसाय और परोपकारी विरासत छोड़ गए हैं और भारत में आधुनिक व्यावसायिक नेतृत्व को मार्गदर्शन और विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्हें भारत को बेहतर बनाने की गहरी चिंता थी। उनके प्रियजनों के प्रति गहरी संवेदना और रतन टाटा को शांति मिले।

कॉर्पोरेट दिग्गज रतन टाटा को ‘धर्मनिरपेक्ष जीवित संत’ माना गया
दुनिया के सबसे प्रभावशाली उद्योगपतियों में से एक रतन टाटा कभी भी अरबपतियों की टाइम, फोर्ब्स, हुरुन जैसी किसी चर्चित सूची में शामिल नहीं रहे। यह इस बात की मिसाल है कि छह महाद्वीपों के 100 से अधिक देशों में काम करने वाली कंपनी के मुखिया होने के बावजूद टाटा सादगीपूर्ण जीवन जीना पसंद करते थे।

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