नई दिल्ली, 5 सितम्बर। दिल्ली सरकार 5 कॉलेज कैंपस में बीटेक की पढ़ाई बंद कर रही है। सवाल उठ रहे हैं कि इतने हाई डिमांड वाले कोर्स को बंद करने के पीछे क्या कारण है? आखिर क्यों अरविंद केजरीवाल की सरकार को बीटेक जैसा कोर्स बंद करना पड़ रहा है?
दिल्ली विधानसभा में नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने दिल्ली सरकार के टेक्निकल यूनिवर्सिटी में शिक्षा व्यवस्था को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। उनका कहना है कि वर्ल्ड क्लास एजुकेशन मॉडल का दावा करने वाली दिल्ली सरकार की उच्च तकनीकी यूनिवर्सिटी में बी.टेक कोर्स में 20 स्टूडेंट्स भी दाखिला नहीं ले रहे हैं। स्टूडेंट्स की संख्या कम होने से सरकार ने दिल्ली स्किल एंड आंत्रप्रेन्योरशिप यूनिवर्सिटी (DSEU) के 5 कैंपस में बीटेक ब्रांच बंद कर दिया।
सबसे ज्यादा डिमांड वाले कोर्स को नहीं मिल रहे छात्र!
गुप्ता के अनुसार दिल्ली में उच्च तकनीकी कोर्स में बी-टेक की डिमांड स्टूडेंट्स में सबसे अधिक है। लेकिन, सरकार के इस यूनिवर्सिटी का हाल यह है कि इस कोर्स में दाखिला के लिए स्टूडेंट्स ही नहीं मिल रहे हैं। यही वजह है कि सरकार का तकनीकी शिक्षा के पांच कैंपस में बी-टेक ब्रांच को बंद करना पड़ा।
DSEU ने 2 सितंबर को एक आदेश जारी किया है, जिसमें कहा है कि अलग-अलग पांच कैंपस के बी-टेक ब्रांचों में स्टूडेंट्स की संख्या 20 से कम है। इसलिए इस ब्रांच को बंद कर रहे हैं।
गुप्ता ने कहा कि अशोक विहार स्थित आर्यभट्ट DSEU के बी-टेक ब्रांच में सिविल इंजीनियरिंग कोर्स के लिए 11, इसी कैंपस में मेकैनिकल इंजीनियरिंग के 8, पूसा-1 कैंपस में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग कोर्स में 11, ओखला-2 कैंपस में नेटवर्क इंजीनियरिंग के 9 और इसी कैंपस में मेकाट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग के 10 छात्रों ने दाखिले लिए थे। छात्रों की संख्या अपेक्षाकृत कम है, जबकि इन सभी कोर्स में डिमांड अधिक होती है।
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