नई दिल्ली, 11 अप्रैल। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक सहकारी बैंक से पैसा निकालने समेत कई प्रतिबंध लगा दिए हैं, जिस कारण इस बैंक से जुड़े हुए कस्टमर्स अगले 6 महीने तक पैसे की निकासी नहीं कर सकेंगे. साथ ही बैंक को लोन या अन्य रकम देने से भी मना कर दिया गया है. RBI के इस कदम से सहकारी बैंक के हजारों जमाकर्ताओं में घबराहट है, क्योंकि वे अपनी जमापूंजी बैंक से नहीं निकाल पा रहे हैं.
केंद्रीय बैंक ने महाराष्ट्र के शिरपुर मर्चेंट्स को-ऑपरेटिव बैंक पर यह बैन लगाया है. ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक, यह पहली बार नहीं है जब RBI ने किसी बैंक पर इस तरह के निर्देश जारी किए हैं. इससे पहले आरबीआई ने पीएमसी बैंक और यस बैंक (Yes Bank) में विड्रॉल पर समान प्रतिबंध लगाया था. RBI ने यह प्रतिबंध बैंक के वित्तीय स्थिति को देखते हुए लगाया है.
किसी बैंक के विफल होने पर कस्टमर्स क्या करें?
जब कोई बैंक विफल हो जाता है या उसपर रोक लगा दी जाती है तो ग्राहकों के क्या अधिकार हैं? शिरपुर मर्चेंट्स को-ऑपरेटिव बैंक (Shirpur Merchants Co-operative Bank) के ग्राहकों को अब क्या करना चाहिए? आइए जानते हैं. हालांकि उससे पहले जान लेते हैं कि आरबीआई ने क्या कहा. केंद्रीय बैंक के मुताबिक, बैंक आरबीआई की मंजूरी के बिना कोई लोन या अग्रिम अनुदान या नवीनीकरण नहीं करेगा. साथ ही कोई निवेश भी नहीं करेगा.
क्या है ग्राहकों के पास अधिकार?
अगर कोई बैंक विफल हो जाता है, तो डिपॉजिट इंश्योरेंस और क्रेडिट गारंटी निगम (DICGC) अधिनियम के अनुसार, बैंक के हर डिपॉजिटर के पास 5 लाख रुपये तक का जमा बीमा कवर होता है, जिसमें उस विशेष बैंक में उनके खातों में मूलधन और ब्याज राशि शामिल होती है. बीमा कवर राशि एक साथ ली गई सभी जमाओं पर लागू होती है, चाहे वह कोई भी अकाउंट हो.
कब वापस मिलेगा पैसा?
डिपॉजिट इंश्योरेंस के तहत कस्टमर्स को 5 लाख रुपये तक की राशि 90 दिन के भीतर जारी की जाती है. आरबीआई ने कहा कि शिरपुर मर्चेंट्स को-ऑपरेटिव बैंक के कस्टमर्स और ज्यादा जानकारी के लिए बैंक की अधिकारिक वेबसाइट पर जा सकते हैं
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