ऋषिकेश, 18 अप्रैल। एम्स ऋषिकेश के नाम एक और उपलब्धि जुड़ी है। भारत सरकार की आयुष्मान योजना के तहत मरीजों का इलाज करने में एम्स ऋषिकेश पूरे देशभर के एम्स संस्थानों में पहले नंबर पर है। यहां इस योजना के तहत अब तक एक लाख से अधिक मरीजों का इलाज किया जा चुका है।
एम्स ऋषिकेश में अक्तूबर 2018 से आयुष्मान भारत योजना शुरू हुई थी। तब से लगातार यहां बड़ी संख्या में उत्तराखंड सहित देश के अन्य प्रदेशों के मरीज इस योजना के तहत अपना उपचार करा रहे हैं। एम्स में करीब 900 बेड हैं। जिनमें करीब 90 फीसदी मरीज आयुष्मान योजना के तहत भर्ती रहते हैं।
एम्स में आयुष्मान भारत के नोडल डाॅ. मोहित ढींगरा ने बताया तक आयुष्मान भारत के तहत एम्स में अब तक 120537 मरीजों का उपचार किया जा चुका है। जिसमें 86285 मरीज उत्तराखंड, 33530 मरीज उत्तर प्रदेश और 722 मरीज अन्य प्रदेशों के हैं।
23 सितम्बर 2018 से लागू है आयुष्मान भारत योजना
आयुष्मान भारत योजना भारत सरकार की एक स्वास्थ्य योजना है। जिसे 23 सितबंर 2018 को पूरे देश में लागू किया गया था। 2018 के बजट सत्र में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस योजना की घोषणा की थी। योजना का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराना है।
एबीडीएम में राज्य सरकार से मिला पुरस्कार
एम्स ऋषिकेश को आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन में बेहतर कार्य करने के लिए 25 फरवरी 2023 को उत्तराखंड सरकार से पुरस्कार मिल चुका है। एबीडीएम योजना के तहत किसी भी चिकित्सा संस्थान में आने वाले मरीजों का पूरा स्वास्थ्य विवरण ऑनलाइन अपलोड किया जाता है। इसके बाद उक्त व्यक्ति को एक यूनिक नंबर दिया जाता है। उक्त व्यक्ति जब किसी अन्य चिकित्सा संस्थान में उपचार के लिए जाता है तो यूनिक नंबर से उक्त चिकित्सा संस्थान मरीज का पूरा विवरण ऑनलाइन देख सकता है।
एम्स में आयुष्मान योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने का हर संभव प्रयास किया जाता है। पूरी टीम की मेहनत का परिणाम है कि इस योजना का लोगों को लाभ देने में हम बेहतर साबित हो रहे हैं।
प्रो. मीनू सिंह, निदेशक, एम्स
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