कोटद्वार, 18 फरवरी। उत्तराखंड में मूल निवास 1950 और मजबूत भू कानून लागू करने की मांग लगातार हो रही है। जिसे लेकर स्वाभिमान रैली निकाली जा रही है। इसी कड़ी में कोटद्वार में देवी रोड के तड़ियाल चौक, देवी मंदिर,मोटर नगर होते हुए रैली लाल बत्ती चौक बदरीनाथ मार्ग से कोटद्वार तहसील तक रैली निकाली गई, जहां सभी ने एक सुर में मूल निवास 1950 और मजबूत भू कानून लागू करने की मांग उठाई। वहीं, मूल निवास भू कानून समन्वय संघर्ष समिति ने कोटद्वार एसडीएम को ज्ञापन भी सौंपा।
कोटद्वार से मूल निवास स्वाभिमान आंदोलन का शंखनाद
दरअसल, मूल निवास भू कानून समन्वय संघर्ष समिति के आह्वान पर कोटद्वार के देवी मंदिर से झंडा चौक तहसील स्वाभिमान रैली निकाली गई। इस मूल निवास स्वाभिमान रैली में भारी जनसमर्थन देखने को मिला। इस दौरान लोग ढोल नगाड़ों के साथ सड़कों पर उतरे और सरकार को जगाने का प्रयास किया। वहीं, भारी भीड़ को देखते हुए कोटद्वार में जगह-जगह भारी सुरक्षा बल तैनात किया गया था। मोहित डिमरी ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जिन बाहरी तत्वों को प्रदेश की शांति के लिए खतरा बताते हैं और जिनके खिलाफ सख्त एक्शन लेने की बात करते हैं उन बाहरी तत्वों की पहचान वह कैसे करेंगे ?
रैली में उपस्थित वक्ताओं ने कहा कि उत्तराखंड की अस्मिता तभी बचेगी, जब मूल निवास और मजबूत भू कानून लागू होगा। डबल इंजन की सरकार होने के बावजूद मूल निवास 1950 लागू न होना भाजपा सरकार को सवालों के घेरे में लाती है। कहा कि सरकार जनता की हितैषी है तो विधानसभा में मूल निवास 1950 का विधेयक पारित करे। मूल निवास न होना सभी समस्याओं की जड़ है। आज बाहर के लोग हमारे संसाधनों को लूट रहे हैं। इसके लिए राष्ट्रीय दलों की नीतियां जिम्मेदार हैं।
स्थानीय निवासी कुसुम लता पांडेय ने बताया कि उत्तराखंड अस्तित्व से पहले उत्तर प्रदेश की सरकार में हमें मूल निवास प्रमाण दिया जाता रहा है, लेकिन उत्तराखंड राज्य गठन के बाद राज्य वासियों को स्थायी निवास प्रमाण पत्र दिया जा रहा है। जो मूल निवासियों के हकों पर कुठाराघात है। वहीं, कांग्रेस महिला नेत्री रंजना रावत ने कहा कि उत्तराखंड के अस्तित्व को बचाने के लिए सरकार को सशक्त भू कानून और मूल निवास लागू करना चाहिए।
वहीं, कोटद्वार उप जिलाधिकारी सोहन सिंह सैनी ने बताया कि रैली में भारी भीड़ को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया। ताकि, कोई रैली की आड़ में अराजकता न फैला सके। इसके लिए पुलिस प्रशासन ने पहले से ही तैयारी कर ली थी। वहीं, समन्वय संघर्ष समिति से जुड़े लोगों ने उन्हें ज्ञापन सौंपा हैं। जिसे आगे फॉरवर्ड कर दिया जाएगा। बता दें कि इससे पहले स्वाभिमान रैली देहरादून, हल्द्वानी, टिहरी में निकल चुकी है।
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