आज से शुरू होगा 348 साल पुराना झंडे जी मेला, गिलाफ चढ़ाने के लिए 2132 तक के लिए फुल है बुकिंग

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देहरादून, 29 मार्च। श्री दरबार साहिब में संगतों के पहुंचने से रौनक बढ़ने लगी है। उधर मीलों का पैदल सफर कर श्री दरबार साहिब में पहुंचने वाली संगतों को झंडे जी के आरोहण का इंतजार है। देहरादून में हर साल श्री गुरु राम राय जी के जन्मोत्सव पर परंपरागत रूप से मनाया जाने वाला ऐतिहासिक झंडा मेला इस बार 30 मार्च से शुरू होगा। ऐसे में इस दिन के लिए जहां श्री दरबार साहिब को सजाया जा रहा है तो वहीं संगतों की सुविधाओं के लिए भी सभी तैयारियां की जा चुकी हैं। इसमें सबसे खास ध्वजदंड की मान्यता है, जिसपर चढ़ने वाले गिलाफ की अपनी विशेष परंपराएं हैं।

श्री झंडे जी मेले का ये है पौराणिक इतिहास
सिखों के सातवें गुरु श्री गुरु हर राय जी के बड़े बेटे श्री गुरु राम राय जी का जन्म होली के पांचवें दिन 1646 में चैत्रवदी पंचमी को हुआ था। साल 1676 में श्री गुरु राम राय जी दून घाटी में आए थे। उस दौरान गढ़वाल नरेश फतेहशाह ने उन्हें तीन गांव खुदबुड़ा, राजपुर और चामासारी दान किए थे। इसके बाद फतेह शाह के पोते प्रदीप शाह ने भी धामावाला, मियां वाला, पंडितवाड़ी और छतरावाला उन्हें दान किए थे। कहा जाता है कि श्री गुरु राम राय जी महाराज ने दून में डेरा डाला था, इसीलिए इस जगह का नाम देहरादून पड़ा।

झंडे जी की खासियत
इस साल श्री झंडा जी के ध्वजदंड की लंबाई 86 फीट और मोटाई 30 इंच है। परंपरा के अनुसार झंडा जी में तीन तरह के गिलाफ चढ़ाए जाते हैं. इसमें सबसे नीचे सादा गिलाफ चढ़ता है. इसके ऊपर सनील गिलाफ होता है, जिनकी संख्या 20 से 50 होती हैं। सबसे ऊपर दर्शनी गिलाफ चढ़ाया जाता है, जिसके लिए श्री दरबार जी महाराज में दरख्वास्त करने पर करीब 100 साल बाद इसे चढ़ाने का मौका मिलता है। इस साल पंजाब के हरभजन सिंह द्वारा दर्शनी गिलाफ चढ़ाया जाएगा। करीब 104 साल पहले हरभजन के परिजनों ने इसके लिए बुकिंग करवाई थी। दर्शनी गिलाफ चढ़ाने के लिए साल 2132 तक के लिए बुकिंग हो चुकी है।

17 अप्रैल तक चलेगा झंडे जी मेला
वैसे तो श्री दरबार जी महाराज में लगने वाले झंडे मेले के लिए देश भर से संगतें आती हैं. लेकिन खासतौर पर उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल और राजस्थान की सबसे ज्यादा संगतें यहां पहुंचती हैं. झंडे जी का मेला करीब एक महीना चलता है. इस बार कल को श्री झंडे जी का भव्य आरोहण किया जाएगा. 17 अप्रैल को रामनवमी के साथ श्री झंडे जी का मेला संपन्न होगा।

झंडे जी मेले का कार्यक्रम
झंडे मेले के लिए तय कार्यक्रम के अनुसार कल सुबह 8 से 9 तक श्री झंडे जी को उतारने का काम किया जाएगा. इसके बाद श्री झंडा जी को दही घी और गंगाजल के साथ ही पंचामृत से स्नान करवाया जाएगा. इसके बाद 10:00 बजे सादा गिलाफ चढ़ाए जाएंगे. दिन में 1 बजे से सनील गिलाफ चढ़ने शुरू होंगे. इसके बाद सबसे बाहर दर्शनी गिलाफ चढ़ाया जाएगा. ठीक शाम करीब 5:00 बजे महेंद्र श्री देवेंद्र जी महाराज, सज्ज़ादा गद्दी नशीन, दरबार श्री गुरु रामराय जी महाराज द्वारा श्री झंडे जी का आरोहण किया जाएगा।

विभिन्न राज्यों की संगतें ही लगाती हैं मेले की दुकानें
श्री झंडे जी मेले को लेकर एक खास बात यह भी है कि यहां पर लगने वाला मेला स्थानीय व्यापारियों के साथ ही विभिन्न राज्यों से आने वाली संगतों द्वारा भी लगाया जाता है. पिछले सैकड़ों साल से मेले में दुकान लगाने के लिए जिन लोगों को जगह दी गई है, उन्हीं लोगों के परिजन हर साल यहां आकर दुकान लगाते हैं और मेले को सफल बनाने में अपना योगदान देते हैं. इसी तरह श्री दरबार साहिब में संगतें सेवा भाव करती हुई दिखाई देती हैं. खाना बनाने से लेकर साफ सफाई तक भी सेवा भाव के साथ संगतें करती हैं।

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