सुसाइड नोट लिखा कि क्या फायदा ऐसी डिग्री का…जो एक नौकरी न दिला सकी और लटक गया फंदे पर

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कन्नौज, 23 फरवरी। सुबह मां ने चाय पीने के लिए आवाज दी। कोई जवाब नहीं मिलने पर वह कमरे में गई। सामने बेटे को फंदे पर लटकता देखकर उनके होश उड़ गए। शोर मचाते हुए बेहोश हो गई। जिसके बाद आसपास के लोग इकट्ठा हो गए और पुलिस को घटना की जानकारी दी गई। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच की। नौकरी के लिए प्रयास करता-करता बेरोजगार की हिम्मत आखिरकार जवाब दे गई। उसने पहले अपनी स्नातक की डिग्री व सर्टिफिकेट जलाए, फिर अपनी जान दे दी।

परीक्षा लीक होने की खबर से था परेशान
पिता दिल्ली में एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते हैं। मां ने बताया कि ब्रजेश प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा था। पुलिस भर्ती परीक्षा भी दी, लेकिन परीक्षा लीक होने की खबर से वह परेशान था। गुरुवार रात को बेटे ने साथ में खाना खाया और इसके बाद अपने कमरे में सोने के लिए चला गया।

पंखे में फंदे पर लटक रहा था शव
सुबह वह घर में सफाई करते हुए ब्रजेश के कमरे के पास पहुंची और बेटे को चाय पीने के लिए आवाज दी, जब अंदर से आवाज नहीं आई, तो उन्होंने दरवाजा खोलकर देखा। सामने पंखे में बेटे का शव फंदे पर लटक रहा था। शोर सुनकर आसपास के लोग इकट्ठा हो गए।

मैं अब और जीना नहीं चाहता
जान देने से पहले ब्रजेश ने सुसाइड नोट में लिखा कि मेरे माता-पिता मुझे माफ करना, मैं आपको धोखा देने जा रहा हूं। मेरी मौत के बाद किसी को परेशान न किया जाए, मैं अपनी मौत का खुद जिम्मेदार हूं। मैं अब और जीना नहीं चाहता। हमें किसी प्रकार की कोई तकलीफ नहीं थी। बस हमारा मन भर गया है और आज मैं सबका साथ छोड़ने जा रहा हूं। हो सके तो हमको माफ कर देना। आज का दिन हमारे लिए आखरी दिन है।

आज हमने अपनी मां के साथ खाया खाना
सुसाइड नोट में लिखा था कि आज हमने अपनी मां के साथ खाना खाया और हम अपने मां-बाप को धोखा देने जा रहे हैं। पापा का ख्याल रखना और बोल देना, हमारा तुम्हारा इतना साथ था। संगीता की शादी अच्छे से करना, भले ही हम नहीं हैं। ब्रजेश ने बीएससी किया था। इसके बाद से ही वह सरकारी नौकरी के लिए प्रयासरत था। बताते हैं कि ब्रजेश ने कई नौकरियों के लिए परीक्षा दी थी। लंबे समय तक तैयारी की, हालांकि सफलता उससे दूर ही रही। हाल ही में यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा में भी वह शामिल हुआ, लेकिन इस भर्ती परीक्षा में पेपर लीक का मामला उठने के बाद वह बेहद निराश हो गया।

लिखा- क्या फायदा ऐसी डिग्री से
ब्रजेश ने अपने सुसाइड नोट में बेरोजगारी की पीड़ा बयां की है। अपने मां-पिता के लिए लिखा है कि-मुझे माफ कर देना। मैं आपको धोखा देने जा रहा हूं। मैं अब और जीना नहीं चाहता हूं। हमें किसी प्रकार की कोई तकलीफ नहीं, बस हमारा मन भर गया है। आज मैं सबका साथ छोड़ने जा रहा हूं। लिखा है- हमने बीएससी के सारे कागज जला दिए हैं। क्या फायदा ऐसी डिग्री का जो एक नौकरी न दिला सकी। हमारी आधी उम्र पढ़ते-पढ़ते निकल गई। इसलिए हमारा मन भर गया और आखिर में छात्र ने अपना नाम लिखा है… ब्रजेश पाल।

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