अमरावती, 13 दिसम्बर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में स्वयं हिंदू धर्म की रक्षा करने का आह्वान किया. साथ ही उन्होंने हिंदू धर्म दुनिया के लिए एक आदर्श बताया. उन्होंने कहा कि हिंदुओं द्वारा हिंदुओं का अपमान करना उचित नहीं है.
इस दौरान भागवत ने विजयवाड़ा स्थित आरएसएस की शाखाओं का दौरा भी किया और स्वयंसेवकों से बात की. उन्होंने ने कहा कि यह गर्व की बात है कि अन्य धर्म अपनी नीतियों में हिंदू धर्म के पहलुओं का पालन करते हैं. सभी को हिंदू धर्म, पारंपरिक प्रथाओं और परिवार व्यवस्था के बारे में सोचना चाहिए.
‘देश की आबादी बढ़नी चाहिए’
आरएसएस चीफ ने एक बार फिर दोहराया कि देश की आबादी बढ़नी चाहिए. उनका मानना है कि देश की आबादी चिंताजनक स्तर तक नहीं पहुंचनी चाहिए और हर परिवार में कम से कम दो या उससे अधिक बच्चे होने चाहिए. तभी समाज का अस्तित्व बना रहेगा और जनसांख्यिकीय स्थिरता बनी रहेगी.
‘जनसंख्या में गिरावट चिंता का विषय’
उन्होंने कहा कि जनसंख्या में गिरावट चिंता का विषय है और अगर किसी भी समूह की प्रजनन दर कम हो जाती है, तो यह उसके अस्तित्व के लिए एक बड़ी समस्या होगी. इसलिए हर परिवार में कम से कम तीन बच्चे होने चाहिए. जनसांख्यिकी भी यही कहती है.
भागवत ने याद दिलाया कि भारत में बच्चे 12 साल की उम्र तक अपने माता-पिता की देखरेख में होते हैं और उस समय उन्हें संस्कृति, हिंदू धर्म, देश के प्रति सम्मान और पारंपरिक जीवन के बारे में सिखाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि देशभक्ति, एकजुटता और एकजुट जीवन की इच्छा बचपन से ही पैदा होनी चाहिए.
बता दें कि स्वयंसेवक संघ प्रमुख की यात्रा आरएसएस के संगठनात्मक कार्यक्रमों के तहत की जा रही है. प्रोग्राम में शामिल होने के लिए भागवत 11 दिसंबर की रात विजयवाड़ा पहुंचे और फिर गुरुवार और शुक्रवार को आरएसएस की प्रत्येक शाखा का दौरा किया.
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