यूपी में अब दर्जी नहीं ले सकेंगे महिलाओं की नाप, स्कूल-कॉलेज बस में भी महिला टीचर या सुरक्षा कर्मी अनिवार्य

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डॉ. अजय मोहन सेमवाल। उत्तर प्रदेश में महिला आयोग के नए प्रस्ताव को लेकर काफी चर्चा हो रही है। हर कोई इसको लेकर असमंजस की स्थिति में है। प्रस्ताव अमल में आने पर महिलाओं जुड़ी कई चीजें बदल जाएंगी, जिसमें उनके दर्जी से लेकर जिम के ट्रेनर तक शामिल होंगे। इससे न सिर्फ महिलाएं बल्कि उन्हें सेवा प्रदान करने वाले लोग भी प्रभावित होंगे। जी हां, उत्तर प्रदेश में महिलाओं को बैड टच और पुरुषों की बुरी नीयत से बचाने के लिए राज्य महिला आयोग ने एक प्रस्ताव दिया है। इसके तहत प्रदेश में अब पुरुष दर्जी महिलाओं के कपड़े सिलने के लिए महिलाओं की नाप नहीं ले सकेंगे। महिलाओं की नाप लेने के लिए दुकानों पर महिला दर्जी रखनी होगी। वहीं, जिम में भी महिलाओं के लिए अलग से महिला ट्रेनर रखने का प्रस्ताव दिया गया है।

जिम में महिला ट्रेनर अनिवार्य
बबीता चौहान ने बताया कि जिम में महिला-पुरुष दोनों ही जाते हैं. यहां पर 99% ट्रेनर पुरुष ही हैं. इसके चलते वहां पर ऐसी कई घटनाएं होती हैं जिन्हें महिलाएं और युवतियां मजबूरन बर्दाश्त करती हैं. कानपुर की घटना तो एक उदाहरण है. इसलिए जिम में महिला ट्रेनर को रखने का प्रस्ताव दिया गया है.

नाप लेने के बहाने टेलर करते हैं गलत जगह टच
बुटीक में पुरुष टेलर महिलाओं की नाप लेते समय इधर-उधर टच करते हैं. ऐसी शिकायतें कई बार महिला आयोग को मिली हैं. इन घटनाओं को रोकने के लिए बुटीक में महिलाओं की नाप लेने के लिए महिला का होना अनिवार्य है. यदि पुरुष टेलर है तो उसे सीसीटीवी की निगरानी में महिला की नाप लेनी चाहिए.

ब्यूटी पार्लर में हो महिला स्टाफ
अमूमन देखा जाता है कि ब्यूटी पार्लर में महिलाओं का मेकअप भी पुरुष ही करते हैं. दुल्हन को तैयार करना हो या साड़ी पहनाना हो इसके लिए पुरुष स्टाफ ही रहता है. ऐसे में बैड टच की कई शिकायतें मिली हैं. इसलिए लिए प्रस्ताव में ब्यूटी पार्लर में महिला स्टाफ को रखने की अनिवार्यता के लिए कहा गया है.

जिम, बुटीक, पार्लर के पुरुष स्टाफ का हो पुलिस वैरिफिकेशन
जिम, बुटीक, पार्लर में पुरुष स्टाफ का पुलिस वैरिफिकेशन होना जरूरी किया गया है. ताकि, किसी प्रकार की घटना होने पर तत्काल आरोपी को पकड़ा जा सके. इसके साथ ही कोचिंग सेंटरों में महिला टॉयलेट अलग रखने का भी प्रस्ताव दिया गया है. आयोग की सदस्य बबीता चौहान का कहना है कि विभिन्न शिक्षण संस्थानों की बस या वाहन में महिला टीचर या महिला सुरक्षा कर्मी का होना अनिवार्य किया गया है. इसके साथ ही नाट्य कला केंद्रों पर भी महिला या युवतियों को ट्रेनिंग देने के लिए लेडीज टीचर की नियुक्ति की जानी चाहिए.

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