डॉ. अजय मोहन सेमवाल। हेमवती नंदन बहुगुणा केंद्रीय विश्वविद्यालय में फर्जी तरीके से फेल छात्रों की ओर से डिग्री बनवाने का मामला सामने आया है. हालांकि, विवि के संज्ञान में मामला सामने आने पर छात्रों से डिग्री वापस मंगा ली गई है. इस मामले में विवि ने आनन-फानन में डाटा प्रोसेसिंग सेंटर के एक कर्मचारी को सेंटर से हटाने की कार्रवाई भी की है. वहीं, पकड़ में आए 18 मामले बी फार्मा और बीटेक पाठ्यक्रम के बताए जा रहे हैं.
बिना बैक परीक्षा पास किए हासिल कर ली डिग्रियां
जानकारी के मुताबिक, साल 2023 और 2024 बैच के कुछ छात्रों की अलग-अलग सेमेस्टरों में बैक लगी हुई थी. जबकि, अंतिम सेमेस्टर में वो पास थे. इसका फायदा उठाते हुए उन्होंने अपनी डिग्रियां बनवा ली. किसी तरह यह मामला उजागर हुआ तो विवि प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए. जिसके बाद विवि ने आनन-फानन में ऐसे छात्रों से संपर्क कर उनसे डिग्रियां वापस मंगवा ली है. विवि ने इसे अपनी ओर से टंकण त्रुटि और मानवीय भूल मानते हुए ठीक कर दिया है.
जिन छात्रों की डिग्री निर्गत हुई, विवि ने कर दिया निरस्त
एचएनबी गढ़वाल विवि प्रशासन की ओर से इस मामले में एक कमेटी का गठन भी कर दिया गया है. विवि प्रशासन का कहना है कि कुछ विषयों के परीक्षाफल घोषित होने के बाद कुछ त्रुटियां संज्ञान में आई, जिस पर परीक्षाफल से संबंधित त्रुटियों को जांच के बाद ठीक कर दिया है. ऐसे जिन छात्रों को डिग्री निर्गत हो गई थी, उन्हें निरस्त कर दिया गया है.
बीटेक और बी फार्मा के कुछ छात्रों की अलग-अलग सेमेस्टर में बैक लगी थी, लेकिन अंतिम सेमेस्टर में वो पास थे. इसका फायदा उठाते हुए बिना बैक क्लियर किए उन्होंने अपनी डिग्रियां बनवा ली. जैसे ही यह मामला संज्ञान में आया, वैसे ही विवि ने इसकी सूचना वेबसाइट में भी डाली. साथ ही ऐसे छात्रों को डिग्रियों का उपयोग न करने के निर्देश दिए गए. ऐसी डिग्रियों को निरस्त कर दिया गया है. इस मामले में डाटा प्रोसेसिंग सेंटर के संबंधित कर्मचारी की लापरवाही भी सामने आई है, जिसे उसके पटल से हटा दिया गया है. जांच में टंकण और मानवीय त्रुटि उजागर हुई है.
प्रो. जेएस चौहान, परीक्षा नियंत्रक, एचएनबी गढ़वाल विवि
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