डॉ. अजय मोहन सेमवाल। पश्चिम बंगाल से उत्तराखंड में बड़े पैमाने पर नकली नोट की सप्लाई का मामला सामने आया है. नैनीताल पुलिस ने पूरे मामले में खुलासा करते हुए 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. जिनके पास से 3 लाख 70 हजार रुपए के नकली नोट बरामद हुए हैं. फिलहाल, नैनीताल पुलिस आगे की कार्रवाई में जुट गई है.
9 अक्टूबर को नकली नोट के साथ गिरफ्तार हुआ था सुनार
नैनीताल एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा ने नकली नोटों के कारोबार का पर्दाफाश करते हुए बताया कि बीती 9 अक्टूबर को लालकुआं निवासी शुभम वर्मा नाम के एक सुनार को गिरफ्तार किया गया था. जिसके पास से 9 हजार रुपए के नकली नोट बरामद किए गए. मुख्य आरोपी शुभम वर्मा से पूछताछ की गई तो कई खुलासे हुए.
पश्चिम बंगाल से लाये जा रहे थे नकली नोट
पूछताछ में पता चला कि नकली नोट के कारोबार में कई लोग शामिल हैं. जिसके बाद पुलिस ने अलग-अलग लोगों से पूछताछ कर 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया. जिनके कब्जे से 2 लाख 98 हजार रुपए के नकली नोट बरामद किए गए. पूछताछ में सामने आया कि नकली नोटों की खेप पश्चिम बंगाल के मालदा से उत्तराखंड में लाकर अलग-अलग क्षेत्रों में खपाई जा रही थी. जांच पड़ताल में पता चला कि नकली नोटों का कारोबार करने वाले मुख्य आरोपी शुभम वर्मा के खाते से भारी मात्रा में पैसों का लेनदेन हुआ है.
एसएसपी मीणा ने बताया कि 9 अक्टूबर को शुभम वर्मा को गिरफ्तार किया गया था. 6 अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जेल भेजने की कार्रवाई की जा रही है. शुभम वर्मा को पहले ही जेल भेजा जा चुका है. इसके अलावा नकली नोट के माध्यम से देश की अर्थव्यवस्था को खराब करने की कोशिश की गई है, इसकी सूचना केंद्रीय एजेंसी को दी गई है.
नकली नोटों का कारोबार कहां तक फैला?
उन्होंने बताया कि पूरे मामले में आगे की जांच अब केंद्रीय एजेंसी करेगी. जिससे ये पता चल सके कि नकली नोटों का कारोबार कहां तक फैला हुआ है और इसमें कौन-कौन लोग शामिल हैं? उनकी भी जल्द गिरफ्तारी की जाएगी. वहीं, नकली नोटों के साथ पकड़े गए आरोपी उत्तराखंड के अलावा उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं. ये लोग उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों में नकली नोटों का धंधा चला रहे थे.
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