छात्रसंघ चुनाव में गढ़वाल विवि के बिरला और बीजीआर कैंपस में ABVP का जलवा, अध्यक्ष के पद कब्जाए

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श्रीनगर, 1 अक्टूबर। हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के तीनों परिसर में छात्रसंघ चुनाव संपन्न हो गए हैं. साथ ही चुनाव का परिणाम भी घोषित कर दिया गया है. गढ़वाल विवि के बिरला कैंपस में एबीवीपी ने परचम लहराया है. जहां अध्यक्ष पद पर जसवंत सिंह की जीत हुई है. वहीं, बीजीआर परिसर पौड़ी में अध्यक्ष पद छात्रा अभिरुचि ने जीत का परचम लहराया है.

बिरला कैंपस श्रीनगर में एबीवीपी के जसवंत सिंह बने अध्यक्ष
एचएनबी गढ़वाल विवि के बिरला कैंपस में अध्यक्ष पद पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से प्रत्याशी जसवंत सिंह की जीत हुई है. उन्होंने अपने नजदीकी प्रतिद्वंद्वी जय हो छात्र संगठन के वीरेंद्र सिंह को मात दी है. इसके साथ उपाध्यक्ष पद पर छात्रम् छात्र संगठन के अमन काला विजयी हुए हैं. सह-सचिव पद पर समरजीत तेवतिया की जीत हुई है. वहीं, छात्रा प्रतिनिधि पद पर प्रियंका की जीत हुई है. जबकि, विश्वविद्यालय प्रतिनिधि पद पर भी एबीवीपी के आशीष पंत ने अपनी जीत का झंडा गाड़ा है.

बीजीआर परिसर पौड़ी में एबीवीपी की अभिरुचि नौटियाल बनीं अध्यक्ष
दूसरी तरफ एचएनबी गढ़वाल विवि के बीजीआर परिसर पौड़ी में छात्रसंघ चुनाव के नतीजे घोषित होने पर नवनिर्वाचित छात्रसंघ पदाधिकारियों ने जीत का जश्न मनाया और विजय जुलूस निकाला. बीजीआर परिसर पौड़ी में ठीक 24 साल बाद कॉलेज को छात्रसंघ के अध्यक्ष पद छात्रा ने जीत दर्ज की है. ये जीत भी एबीवीपी की खाते में आई है. जहां छात्रसंघ अध्यक्ष के पद पर एबीवीपी की अभिरुचि नौटियाल ने जीत की दर्ज की. उन्होंने एनएसयूआई के राजकुमार नेगी को 46 वोट से हराया.

अभिरुचि को 275 वोट मिले. जबकि, एनएसयूआई के अध्यक्ष पद के प्रत्याशी राजकुमार 229 वोट ही जुटा पाए. वहीं, उपाध्यक्ष पद पर एनएसयूआई के आलोक नेगी ने जीत दर्ज कर 345 वोट हासिल किए और एबीवीपी के प्रेम चंद्र को 202 वोट हराया. वहीं, सचिव पद पर एनएसयूआई के अमन नेगी ने 46 वोट से आर्यन ग्रुप के प्रत्याशी आशीष नेगी को हराया.

इसी तरह से विश्वविद्यालय प्रतिनिधि पद पर आर्यन ग्रुप के अंकुश थपलियाल ने जीत दर्ज कर 129 वोट से एबीवीपी के अभिषेक जुगराण को हराया. जबकि, कोषाध्यक्ष पर एबीवीपी के तुषार पुंडीर जबकि, सह-सचिव पद पर एनएसयूआई के संदीप मवालिया ने निर्विरोध जीत हासिल की. वहीं, विजय हासिल कर चुके नवनिर्वाचित पदाधिकारियों ने छात्र हित के मुद्दों पर अपनी प्राथमिकता गिनाई.

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