देहरादून। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद महानगर देहरादून ने कंडोली जनजातीय छात्रावास में जनजातीय छात्र सम्मेलन कार्यक्रम किया जिसमें अखिल भारतीय जनजाति प्रमुख प्रमोद राउत जी ने कहा कि 2008 ने एबीवीपी ने सभी छात्रावास में सर्वे करने की जिसकी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में दी जिसके प्रयास के बाद स्थति सुधरी विद्यार्थी परिषद ने अनेकों जनजातीय क्रांतिकारियों की कहानी समाज के सामने लाने का काम किया जैसे तिलका माँझी ने अंग्रेजों के साथ पहली लड़ाई लड़ी और आवाज़ उठाई तिलक मांझी को घोड़ों से बाँध कर 27 किलोमीटर खींच कर जनजातियों की आवाज़ दबाने के लिए निर्मम हत्या की।
वामपंथियों ने जनजातियों के योगदान को पुस्तकों से ग़ायब किया और अंग्रेजों ने षड्यंत्र के तहत जनजातीय समाज के उद्योगों को ख़त्म कर छवि ख़राब की। जनजातियों में मान्यता है कि जो देता है वही देवता है। जल, जंगल, ज़मीन की पूजा कर अपनी सभ्यता संस्कृति को बचाकर रखा है, अपने समाज, देश के उत्थान के लिए मेरा क्या योगदान हैं, इसलिये हमें काम करना हैं।
कार्यक्रम में पदम्श्री प्रेम चंद शर्म, प्रांत संगठन मन्त्री विक्रम फ़र्श्वान, प्रांत जनजातिय कार्य प्रमुख सागर तोमर, विभाग संगठन मंत्री नागेंद्र बिष्ट, जनजातीय प्रांत सह प्रमुख नितिन चौहान, ज़िला सयोंजक अर्जुन नेगी, कंचन पांवर, रोविन तोमर, शालिनी बिष्ट, उपस्थित रहे।
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