नई दिल्ली, 28 अगस्त। दिल्ली यूनिवर्सिटी में एडमिशन से ज्यादा हॉस्टल की रेस मुश्किल है। डीयू में यूजी कोर्सेज में एडमिशन के लिए पहला राउंड हो चुका और दूसरा राउंड चल रहा है। इसके साथ-साथ तमाम कॉलेजों में हॉस्टल की पहली लिस्ट भी आ चुकी है। 29 अगस्त (आज) से डीयू में क्लासेज शुरू हो जाएंगी। डीयू में आधे से ज्यादा स्टूडेंट्स दिल्ली से बाहर के हैं, लेकिन हॉस्टल बहुत कम लोगों को ही मिलते हैं। यूनिवर्सिटी के हर कॉलेज में हॉस्टल नहीं हैं, कम सीटों की वजह से ज्यादातर स्टूडेंट्स के लिए पीजी होम और किराए पर कमरे का ही ऑप्शन बचता है।
DU के 20 हॉस्टल में 4,400 सीटें हैं
डीयू के 20 हॉस्टलों में करीब 4400 सीटें हैं। इनमें से आधी से भी कम सीटों पर फर्स्ट ईयर स्टूडेंट्स एडमिशन लेते हैं। 10% स्टूडेंट्स को भी हॉस्टल नहीं मिल पाता है। यूनिवर्सिटी के 20 हॉस्टल में से 18 हॉस्टल कॉलेजों के हैं और दो यूनिवर्सिटी के हैं। इनमें से एक पीजी और रिसर्च स्टूडेंट्स के लिए है। ज्यादातर हॉस्टल नॉर्थ कैंपस में हैं। इनके अलावा डीयू के 18 कॉलेजों में ही यूजी स्टूडेंट्स के लिए हॉस्टल हैं, जबकि 68 कॉलेज में यूजी प्रोग्राम चलते हैं।
हरियाणा की रहने वालीं ऋतु त्यागी ने बताया कि उन्हें उन्हें गार्गी में सीट मिल गई है, लेकिन कॉलेज में हॉस्टल नहीं है। यूनिवर्सिटी के यूजी हॉस्टल में सीटें बहुत कम हैं, यह कॉलेज से दूर भी है। इसलिए वह पीजी देख रही हैं। हालांकि, पीजी बहुत महंगे हैं। 15 हजार का खर्चा दिख रहा है। लेडी श्रीराम कॉलेज के हॉस्टल में 250 सीटें हैं, मगर कॉलेज अलर्ट कर चुका है कि इस सेशन के लिए हॉस्टल नहीं मिल पाएगा। कॉलेज में रिनोवेशन का काम चल रहा है।
लखनऊ की स्टूडेंट निहारिका ने बताया कि वह एलएसआर या गार्गी कॉलेज में एडमिशन चाहती हैं। उम्मीद है कि अगली लिस्ट में सीट मिल जाएगी। वह इंटरनेट पर इन दिनों पीजी ही ढूंढ रही हैं। वैसे भी एलएसआर में एक साल बाद हॉस्टल छोड़ना ही पड़ता है। वैसे, डीयू के हर कॉलेज को हॉस्टल बनाना चाहिए।
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