12वीं बोर्ड में फेल लड़की कर गई NEET टॉप! पूरा नीट रिजल्ट जारी होते ही सामने आई मार्कशीट

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नई दिल्ली, 21 जुलाई। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार पूरा नीट रिजल्ट ऑनलाइन अपलोड किया। इसमें सिटी वाइज और सेंटर वाइज लिस्ट neet.nta.nic.in पर डाली गई। उसके बाद सोशल मीडिया पर दो मार्कशीट्स वायरल होने लगीं। दोनों एक ही छात्रा की बताई जा रही है। इनमें से एक मार्कशीट उसकी 12वीं बोर्ड परीक्षा की है और दूसरी नीट यूजी एग्जाम 2024 रिजल्ट की। दोनों में जो नंबर दिख रहे हैं, उनमें जमीन आसमान का अंतर है। एक तरफ जहां ये स्टूडेंट 12th Board Exam में फेल हो गई, वहीं कुछ ही महीने में हुई नीट परीक्षा में अव्वल नंबरों से पास हुई।
बोर्ड की मार्कसीट के नंबर
ये छात्रा गुजरात की है। उसने इसी साल गुजरात बोर्ड से परीक्षा दी​​ थी। बोर्ड मार्कशीट के अनुसार, छात्रा ने फिजिक्स में केवल 21, केमिस्ट्री में 31, बायोलॉजी में 39 और अंग्रेजी में 59 अंक प्राप्त किए। यानी कुल मिलाकर 700 में से 352 अंक। जबकि नीट में उसे 720 में से 705 मार्क्स मिले हैं।
डमी स्टूडेंट बनकर कर रही थी पढ़ाई
अहमदाबाद के शिक्षा जगत के शीर्ष सूत्रों ने खुलासा किया कि लड़की ने अहमदाबाद के साइंस सिटी में कोचिंग सेंटर से जुड़े एक स्थानीय स्कूल में डमी स्टूडेंट के रूप में रजिस्टर किया था। कोचिंग क्लास में कक्षा 11वीं और 12वीं में दाखिला लिया था।
स्कूल के सूत्रों ने पुष्टि की कि उसके डॉक्टर माता-पिता को उसके खराब परिणामों पर चर्चा करने के लिए बुलाया गया था। जिस कोचिंग सेंटर में उसने दाखिला लिया था, वहां से जानकारी मिली है कि उसने 12वीं के दौरान दो महीने बाद पढ़ाई छोड़ दी थी। एक Dummy Student के होने के कारण, स्कूल को उसकी शैक्षणिक गतिविधियों के बारे में सीमित जानकारी थी। लेकिन जब नीट रिजल्ट 2024 आया, तो स्कूल के अधिकारी यह जानकर हैरान रह गए कि लड़की ने 705 अंक हासिल किए हैं। वह गुजरात के स्टेट टॉपर्स में शामिल हो गई है।​​
नीट टॉप करने के बावजूद नहीं मिलेगा दाखिला?
​​उसके NEET स्कोर इस प्रकार रहे- फिजिक्स में 99.8 पर्सेंटाइल, केमिस्ट्री में 99.1 पर्सेंटाइल और बायोलॉजी में 99.1 पर्सेंटाइल। कुल मिलाकर 99.9 पर्सेंटाइल। जिस हिसाब से उसे बड़ी आसानी से देश का कोई भी अच्छा गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज मिल जाएगा। हालांकि, विशेषज्ञों ने एक बड़ी अड़चन की ओर इशारा किया- परीक्षा पास करने में उसकी विफलता का मतलब है कि वह मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के लिए पात्रता मानदंड पूरा नहीं करेगी, जो 50% है।
मार्कशीट की पुष्टि!
कुछ सोशल मीडिया अकाउंट्स पर छात्रा के NEET और GSEB HSC साइंस के नतीजे, एक ही नाम, सरनेम और लास्ट नेम के साथ देखे जा सकते हैं। सूत्रों ने इन दोनों रिजल्ट्स को सही बताया है। हालांकि TOI अभी तक स्वतंत्र रूप से यह पुष्टि नहीं कर पाया है कि मार्कशीट एक ही व्यक्ति की हैं। वहीं, ये मामला शिक्षा प्रणाली और एनईईटी जैसी प्रवेश परीक्षाओं पर सवाल उठाता है। क्या ऐसी परीक्षाएं वास्तव में एक छात्र की क्षमता और समझ का सही आंकलन करती हैं?

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