देहरादून, 8 जुलाई। समग्र शिक्षा के तहत विद्यालयों के लिए दी गई धनराशि समय पर खर्च न करने पर शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने सभी मुख्य शिक्षा अधिकारियों समेत 108 अधिकारियों और 13625 प्रधानाध्यापकों का वेतन रोकने का आदेश किया है। शिक्षा महानिदेशक ने कहा, यदि एक सप्ताह के भीतर दी गई धनराशि का उपभोग नहीं किया गया तो संबंधित के खिलाफ अनुशासनात्मक या फिर प्रतिकूल प्रविष्टि की कार्रवाई की जाएगी।
शिक्षा महानिदेशक ने कहा, विद्यालयों में छात्र-छात्राओं के लिए समग्र शिक्षा के तहत दी जा रही सुविधाओं का लाभ समय पर दिया जाए। किसी भी दशा में छात्रों की स्कूल ड्रेस एवं अन्य मुफ्त सुविधाएं प्रदान करने में देरी न की जाए। अब तक विद्यालयों ने विद्यालय अनुदान का उपभोग नही किया है, जबकि विद्यालयों में छोटे मोटे मरम्मत कार्यों एवं प्रबंधन आवश्यकताओं को अनुदान के माध्यम से पूर्ण किया जा सकता है। धनराशि का समय पर उपभोग न होने के कारण केंद्र सरकार के स्तर से लगातार नाराजगी जताई जा रही है। शिक्षा मंत्री डा.धन सिंह रावत ने भी संबंधित प्रकरण में जिम्मेदार अधिकारियों और प्रधानाचार्यों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
शिक्षा महानिदेशक ने कहा, इससे पहले भी अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश दिए जाते रहे हैं, लेकिन अधिकारियों न तो धनराशि के उपभोग की समीक्षा कर रहे हैं, न ही लापरवाही बरत रहे विद्यालयों के संस्थाध्यक्षों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे। जिससे स्थिति लगातार खराब हो रही है। उन्होंने कहा, 13 मुख्य शिक्षा अधिकारियों एवं 95 विकासखंड शिक्षा अधिकारियों और एक भी रुपया खर्च न करने वाले 13625 विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों, प्रधानाचार्यों का माह जुलाई का वेतन तब तक रुका रहेगा जब तक उनके द्वारा समस्त धनराशि का नियमानुसार उपभोग नहीं किया जाता।
समीक्षा के दौरान अपर राज्य परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा मुकुल कुमार सती, उप राज्य परियोजना निदेशक अजीत भंडारी, उप राज्य परियोजना निदेशक एमएम जोशी एवं स्टाफ आफिसर बीपी मैंदोली मौजूद रहे।
काम में देरी पर ग्रामीण निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता को लिखा पत्र
समग्र शिक्षा के राज्य परियोजना निदेशक बंशीधर तिवारी ने समग्र शिक्षा के तहत विभिन्न निर्माण कार्यों में देरी पर ग्रामीण निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा, पिछले 2-3 साल से विभाग को पैसा दिए जाने के बावजूद कई काम अब तक शुरु नहीं हुए। जबकि केंद्र सरकार की ओर से बार-बार इस पर नाराजगी जताई जा रही है। काम में तेजी लाई जाए। यदि विभाग काम में असमर्थता जताता है तो धनराशि वापस मंगाए जाने के साथ ही अन्य कार्यदायी संस्था से काम कराया जाएगा।
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