अगले साल से बदल जाएगा CBSE बोर्ड एग्जाम पैटर्न? साल में दो बार परीक्षा कराये जाने पर ‘एक्शन तेज’

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नई दिल्ली, 27 जून। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए शिक्षा मंत्रालय का स्कूली शिक्षा विभाग अब बोर्ड परीक्षा सुधार, ड्रॉपआउट स्टूडेंट्स को मेनस्ट्रीम के साथ जोड़ने समेत कई मिशन पर काम कर रहा है। शिक्षा मंत्रालय ने शिक्षा नीति, नैशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (NCF), ऑटोमेटेड परमानेंट अकैडमिक अकाउंट रजिस्ट्री यानी अपार (APAAR ID), साल में दो बार बोर्ड परीक्षा व अन्य मुद्दों को लेकर सीबीएसई स्कूलों के प्रिंसिपल्स के साथ महत्वपूर्ण बैठक की है।

स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव संजय कुमार का कहना है कि CBSE स्कूलों के करीब 10 हजार प्रिंसिपल्स से ऑफलाइन और वर्चुअल बैठक हुई है। उनसे साल में दो बार एग्जाम करवाने के मुद्दे पर भी चर्चा हुई। स्कूल प्रिंसिपल्स से अपने सुझाव और राय लिखित रूप में देने को कहा गया है ताकि उनके सार्थक सुझावों की भी स्टडी हो सके। बोर्ड एग्जाम से जुड़े फैसले में उनकी राय को भी अहमियत मिलेगी। सीबीएसई भी अपने स्तर पर काम कर रहा है।

साल में दो बार कब-कब होगी सीबीएसई बोर्ड परीक्षा?
बताया जा रहा है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति की सिफारिशों के अनुरूप और शिक्षा मंत्रालय के दिशा-निर्देश पर केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) भी डिटेल प्लान पर काम कर रहा है। इसी कड़ी में स्कूली विभाग के सचिव संजय कुमार ने सीबीएसई अधिकारियों व विशेषज्ञों के साथ स्कूलों के प्रिंसिपल्स के साथ बैठक की थी।

एक वर्ष में दो बार बोर्ड परीक्षा कब-कब करवाई जा सकती है? इस पर भी स्कूल प्रिंसिपल्स अपनी राय रखेंगे। अभी हाल ही में यूजीसी ने एक वर्ष में दो बार एडमिशन के नियम को मंजूरी दी है। छात्रों का तनाव कम करने के लिए छात्रों को ज्यादा से ज्यादा विकल्प दिए जाने को प्राथमिकता दी जा रही है।

एमएम पब्लिक स्कूल, पीतमपुरा की प्रिंसिपल रूमा पाठक ने बताया कि इस मीटिंग में शिक्षा नीति और एनसीएफ से जुड़े तमाम सवालों के जवाब दिए गए हैं। स्कूल शिक्षा सचिव ने स्कूलों से अपील की है कि छात्रों के लिए APAAR ID को जरूर बनवाया जाए, ताकि भविष्य में इसका फायदा उन्हें मिल सके। इसके साथ ही सरकारी और प्राइवेट स्कूल एक-दूसरे से बेस्ट प्रैक्टिस सीख सकते हैं। स्कूलों को एनसीईआरटी की किताबों पर फोकस करना चाहिए। प्रिंसिपल का कहना है कि एक वर्ष में दो बार बोर्ड परीक्षा का फैसला छात्रों के लिए काफी फायदेमंद होगा और दोनों परीक्षाओं में से बेस्ट स्कोर चुन सकेंगे।

एनबीटी लेंस: असली चुनौती विंडो सेलेक्ट करने की होगी
शिक्षा मंत्रालय और सीबीएसई एक वर्ष में दो बार बोर्ड परीक्षा को लेकर काम कर रहे हैं। वहीं, उनके सामने असली चुनौती यह है कि दोनों परीक्षाओं के लिए क्या विंडो होगी? अभी बोर्ड परीक्षा 15 फरवरी से शुरू होकर मार्च के आखिर या अप्रैल के शुरुआती दिनों तक चलती है और उसके बाद मई-जून में रिजल्ट आ जाता है। इंजिनियरिंग की परीक्षा भी दो बार होती है, अभी मेडिकल प्रवेश परीक्षा एक बार होती है।

ऐसे में पहली और दूसरी बोर्ड परीक्षा कब-कब हो सकती है, इसकी टाइमिंग बहुत अहम होगी। सूत्रों के मुताबिक सेमेस्टर सिस्टम की तो संभावना नहीं है। छात्रों के लिए दोनों बोर्ड परीक्षा देना कंपसलरी नहीं होगा। यह उन पर निर्भर होगा कि वह एक परीक्षा दें या दोनों में शामिल हों। परीक्षा सुधारों में बोर्ड एग्जाम के पैटर्न में मल्पटीपल क्वेश्चन की संख्या कितनी हो, परीक्षा प्रक्रिया का सरलीकरण भी शामिल है।

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