हल्द्वानी, 10 फरवरी। बनभूलपुरा के हिंसाग्रस्त क्षेत्र में पुलिस ने भारी फोर्स के साथ सर्च ऑपरेशन चलाया और नामजद 19 आरोपियों में से दो निवर्तमान पार्षद समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें एक भाजपा से जुड़ा बताया जा रहा है। पुलिस ने 60 से अधिक लोगों को भी हिरासत में लिया है। प्रभावित इलाकों को छोड़कर शहर के शेष हिस्से से कर्फ्यू हटा लिया गया है।
मजिस्ट्रीयल जांच के आदेश, 15 दिन में रिपोर्ट तलब
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश देते हुए कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत से रिपोर्ट 15 दिन में तलब की है। आठ फरवरी को बनभूलपुरा के मलिक का बगीचा क्षेत्र में अवैध मदरसा और धार्मिक स्थल ढहाने के दौरान हुई हिंसा में 150 पुलिसकर्मियों और निगमकर्मियों समेत 300 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। रिपोर्ट में उन कारणों की जांच होगी, जिनकी वजह से दंगे हुए। जांच में ये भी शामिल होगा कि कानून को हाथ में लेकर पूरे शहर में अराजकता फैलाने में कौन-कौन शामिल रहे।
उपद्रवियों की आगजनी में थाने का पूरा रिकार्ड जला
उपद्रवियों की ओर से किए जा रहे पथराव के बीच नगर निगम टीम को अतिक्रमण ढहाने का अभियान बीच में छोड़कर भागना पड़ा था। इस बीच, उपद्रवियों ने बनभूलपुरा थाने में आग लगा दी थी। थाने में मौजूद लोगों को पुलिस की टीम ने हवाई फायरिंग करके भगाया लेकिन इस बीच थाने का सारा रिकॉर्ड और कंप्यूटर तक जल गए।
एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा ने बताया कि इस मामले में निवर्तमान पार्षद महबूब आलम, निवर्तमान पार्षद जीशान, सपा नेता अरशद अयूब, असलम चौधरी और सपा नेता अब्दुल मतीन सिद्दीकी के भाई जावेद सिद्दीकी को गिरफ्तार किया गया है। ये पांचों बनभूलपुरा क्षेत्र के हैं। गिरफ्तार लोगों में शामिल महबूब आलम को भाजपा से जुड़ा बताया जा रहा है। हालांकि, भाजपा जिलाध्यक्ष प्रताप सिंह बिष्ट का कहना है कि जब से वह जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी निभा रहे हैं तब से उन्होंने आलम को पार्टी में सक्रिय नहीं देखा है।
बनभूलपुरा मामले में पुलिस की तरफ से दो और नगर निगम की तरफ से एक मुकदमा दर्ज कराया गया है। इसमें बलवा करने, सेवन क्रिमिनट एक्ट जैसी धारायें लगायी गयी हैं। वीडियोग्राफी के आधार पर जैसे-जैसे दंगाई चिन्हित होंगे, मुकदमों में उन्हें नामजद किया जायेगा।
निलेश आनंद भरणे, प्रवक्ता पुलिस मुख्यालय
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